ज्योति डोभाल संपादक
श्री देव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय मुख्यालय के वीर गबर सिंह मेमोरियल हॉल में आज 79वें स्वतंत्रता दिवस को हर्षाेल्लास के साथ मनाया गया। सर्वप्रथम विश्वविद्यालय के मा0 कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी द्वारा शौर्य दीवार पर देश के वीर सपूतों को नमन करते हुए पुष्पांजलि अर्पित कर उनके अदम्य साहस व बलिदान को याद किया तदोपरान्त उनके द्वारा प्रातः 9ः00 बजे ध्वजारोहण किया गया, जिसके बाद राष्ट्रगान की गूंज से पूरा परिसर देशभक्ति के रंग में रंग गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के मा0 कुलपति प्रो0 एन0के0 जोशी ने अपने प्रेरक उद्बोधन में कहा, “स्वतंत्रता दिवस केवल उत्सव का दिन नहीं, बल्कि यह हमें उन बलिदानों की याद दिलाता है, जिनकी बदौलत हमें यह आजादी मिली। आज के युवाओं का कर्तव्य है कि वे अनुशासन, परिश्रम और नवाचार को अपनाकर भारत को विश्वगुरु बनाने में योगदान दें।” उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना उनकी प्राथमिकता है
और इसके लिए सभी को एकजुट होकर प्रयास करना होगा। कुलपति महोदय ने विशेष रूप से बीसीए के विद्यार्थियों को मोबाईल के सदुपयोग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के विभिन्न अनुप्रयोगों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने विश्वविद्यालय की संरचना, विकास योजनाओं और शैक्षणिक नवाचारों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी, ताकि विद्यार्थी तकनीकी प्रगति के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें।
कुलपति प्रो0 जोशी ने IDP (Institutional Development plan) के बारे में भी छात्र-छात्राओं और विश्वविद्यालय के सभी कार्मिकों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि IDP के माध्यम से वर्तमान में विश्वविद्यालय कहाँ खड़ा है, और आने वाले 2, 5 और 10 वर्षों में इसका विजन क्या होगा, इस पर स्पष्ट रूपरेखा तैयार की गई है। उन्होंने कहा कि विकसित राष्ट्र तभी संभव है जब हम अपने विश्वविद्यालयों को विकसित करेंगे, क्योंकि मजबूत शिक्षा प्रणाली ही राष्ट्र की प्रगति की नींव है।
अपने संबोधन में उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर भी चर्चा की और इसे देश की सामरिक क्षमता और साहस का प्रतीक बताया। साथ ही, उन्होंने हाल ही में उत्तराखंड के थराली में आई आपदा पर गहरी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह आपदा हम सभी के लिए दुःखद है और इसमें जिन लोगों ने अपने प्राण गंवाए, उन्हें वे भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। उन्होंने प्रभावित परिवारों के प्रति संवेदना जताते हुए कहा कि पूरा विश्वविद्यालय परिवार इस कठिन घड़ी में उनके साथ है।
समारोह में बी0सी0ए0 के छात्र-छात्राओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और नशे से मुक्ति का संकल्प लिया, जिससे कार्यक्रम का संदेश और भी सार्थक हो गया। कार्यक्रम के दौरान थराली में हाल ही में आई आपदा को ध्यान में रखते हुए, विश्वविद्यालय प्रशासन ने भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित न करने का निर्णय लिया। इसके स्थान पर विश्वविद्यालय के कार्मिकों एवं बी.सी.ए. के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति गीत, कविताएं और भावपूर्ण प्रस्तुतियों के माध्यम से स्वतंत्रता दिवस का उत्सव मनाया। इस सादगीपूर्ण आयोजन में भी उत्साह और देशप्रेम की भावना कम नहीं थी, बल्कि और अधिक गहरी और मार्मिक रही। देशभक्ति गीत, कविताएँ और भाषण जैसी विविध प्रस्तुतियों ने माहौल को और अधिक ऊर्जा से भर दिया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री दिनेश चन्द्रा ने भी संबोधित किया। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान को नमन करते हुए कहा कि उनका त्याग और साहस हम सबके लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने देश के विकास की दिशा में हो रही प्रगति का उल्लेख किया और सभी से आह्वान किया कि वे राष्ट्र की उन्नति में अपना योगदान दें। कुलसचिव महोदय ने विश्वविद्यालय के प्रत्येक कार्मिक से भी अपील की कि वे अपने कार्य में पूर्ण समर्पण और निष्ठा के साथ योगदान दें, ताकि संस्था और राष्ट्र दोनों को गौरव मिल सके।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सहायक परीक्षा नियंत्रक डाॅ0 हेमन्त बिष्ट बी0सी0ए0 के फैकल्टीगण श्री संजय तिवारी, श्री राहुल सुयाल, प्र0 निजी सचिव कुलपति श्री वरूण डोभाल समस्त कर्मचारीगण एवं बीसीए के समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 हेमन्त बिष्ट द्वारा किया गया।