विकास खण्ड कार्यालय कीर्तिनगर में आयोजित दिव्यांग शिविर में 84 लोगों का पंजीकरण तथा 26 लोगों को कृत्रिम अंगों का वितरण

 ज्योति डोभाल संपादक 


कीर्तिनगर : मंगलवार को समाज कल्याण विभाग टिहरी के तत्वाधान एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से विकास खण्ड कार्यालय कीर्तिनगर में दिव्यांग शिविर का आयोजन किया गया l शिविर का उद्घाटन विधायक देवप्रयाग विनोद कंडारी द्वारा किया गया। 

शिविर में 84 लोगों का पंजीकरण तथा 26 लोगों को कृत्रिम अंगों का वितरण किया गया।


जिला समाज कल्याण अधिकारी के.एस. चौहान ने बताया कि शिविर में 6 व्हीलचेयर, 12 छड़ी, 2 वाकर, 1 जोड़ी वैशाखी तथा 5 कान की मशीन का वितरण किया गया। 

इस अवसर पर 32 दिव्यांग (मानसिक 03, हड्डि ऑर्थाे 13, आँख 09, कान 07) प्रमाण पत्र जारी किए गए। 

5 यूडीआईडी कार्ड के आवेदन प्राप्त किये गये तथा 90 वृद्धा पेंशन, 02 किसान पेंशन, 86 विधवा पेंशन, 69 दिव्यांग पेंशन आदि का सत्यापन किया गया।


इस अवसर सीएमएस जिला चिकित्सालय बौराड़ी डॉ. अमित राय, खंड विकास अधिकारी सुमनलता, सहायक समाज कल्याण अधिकारी मनीषा तिवारी, सहायक समाज कल्याण अधिकारी धर्मेन्द्र सिंह नेगी, कनिष्ठ सहायक चंद्रमोहन राणा एवं स्वास्थ्य विभाग डॉ. विनय, वरुण रावत, मोइन खान, वरिष्ठ सहायक रजत आदि उपस्थित रहे।

जलीय जैवविविधता और भारत में गंगा नदी तंत्र की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ" विषय पर प्रोफेसर्स, शोधकर्ताओ ने प्रस्तुत किये शोधपत्र

 ज्योति डोभाल संपादक 


टिहरी : राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय नई टिहरी में "जलीय जैवविविधता और भारत में गंगा नदी तंत्र की पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ" विषय पर तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन देश-विदेश से जुड़े प्रोफेसर्स, शोधकर्ता प्रतिभागियों ने विभिन्न विषयों पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए। यह प्रस्तुतीकरण तीन सत्रों में आयोजित हुआ। 

प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रो. ओपी गुसांई, विभागाध्यक्ष जंतुविज्ञान विभाग, हेमवती नंदन बहुगुणा केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर एवं प्रो. दीपक भण्डारी ने की। यह सत्र जैवविविधता संरक्षण पर केन्द्रित रहा। जिसमें जलीय कृषि एवं प्रबंधन केन्द्र बांग्लादेश के निदेशक डॉ विनय कुमार चक्रवर्ती ने बांग्लादेश के जलीय स्रोतों पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान में मत्स्य उत्पादन और निर्यात में भारत पहले स्थान पर है और बांग्लादेश चीन को पीछे छोड़ते हुए दूसरे नंबर पर है। दोनों देशों के मत्स्य उत्पादन क्षेत्र एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और दोनों देश नवीन तकनीकी का आदान-प्रदान कर इस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं। उन्होंने हिलसा कूटनीति पर बांग्लादेश और भारत के द्विपक्षीय संबंधों की सराहना की।

प्रयागराज से आयी हुई डॉ किरन गुप्ता ने जेनोबायोटिक्स पर अपना शोधपत्र प्रस्तुत किया। वहीं हिमाचल में मत्स्य पालन में कार्य कर रहे डॉ विश्वनाथ ने सहकारी संस्थाओं के निर्माण पर एवं उनके साथ मिलकर उत्पादन बढ़ाने की दिशा में शोधकर्ताओं का ध्यान आकर्षित किया। इस अवसर पर उत्तराखंड सरकार के भूतपूर्व मत्स्य पालन विभाग के निदेशक डॉ बीपी मधवाल ने बदलती परिस्थिति एवं पर्यावरण में जैवविविधता के संरक्षण पर अपने विचार व्यक्त किए और कहा कि गंगा नदी तंत्र की सहायक नदियों में महाशीर मछली की विलुप्त होती प्रजाति के संरक्षण के लिए सामाजिक क्षेत्र और राजनीतिक क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के साथ आम जनमानस को आगे आकर परियोजना बनाने पर जोर दिया और कहा कि टिहरी झील के आसपास के गांवों के वासियों को सरकार को अपने सुझाव देने चाहिए। आज भारत एवं उत्तराखंड दोनों सरकारे मत्स्य पालन की दिशा में महत्वपूर्ण नीति बनाकर कार्य कर रही हैं। बस हमें जनजागरूकता अभियान चलाने की आवश्यकता है। सत्र में डॉ आशीष शिवम, डॉ काजल यादव, डॉ पोखरियाल, शोधछात्र स्वामी रामतीर्थ परिसर मीनाक्षी रावत, अदिति रतूडी आदि ने हिमालयी जैवविविधता केन्द्रित शोधपत्र प्रस्तुत किए।

द्वितीय सत्र हिमालय की पारिस्थितिकी सेवाओं पर आधृत रहा। जिसकी अध्यक्षता जंतुविज्ञान विभाग गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय की विभागाध्यक्षा प्रो. मंजू गुसांई एवं महाविद्यालय की वनस्पति विभाग की डॉ आरती खण्डूडी ने की। इस सत्र में स्वामी रामतीर्थ परिसर के शोधछात्र तरसीम लाल, मोहिनी राणा एवं दीक्षा भारती, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की लवली भारती एवं गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के राकेश कुमार ने हिमाहयी पारिस्थितिकी तंत्र के विविध पक्षों पर अपने शोधपत्र प्रस्तुत किए। इस अवसर पर ऑनलाइन मोड पर जुड़े देश - विदेश के शोधकर्ताओं और प्रोफेसर्स ने अपने पत्र प्रस्तुत किए और हिमालयी परितंत्र की रीढ़ माने जाने वाली नदियों के संरक्षण एवं उनमें निवास करने वाली विविध प्रजातियों के संवर्धन पर केन्द्रित अपने शोधकार्य प्रस्तुत किए।

तीनों सत्रों का संचालन महाविद्यालय के वनस्पति विभाग की प्राध्यापिका डॉ हेमलता बिष्ट ने  किया। अंत में सम्मेलन के समन्वयक डॉ वीपी सेमवाल एवं सह-समन्वयक डॉ पीसी पैन्युली ने सभी शोधकर्ताओं एवं प्रोफेसर्स प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया और हिमालयी जलीय जैवविविधता के संरक्षण के लिए उनके शोधकार्यों की सराहना की। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ आशा डोभाल, डॉ रजनी गुसांई, डॉ निशा जोशी, डॉ निशांत भट्ट, डॉ भारती जायसवाल आदि तथा समस्त छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे

नई टिहरी और चम्बा शहर की जन समस्याओं को लेकर कांग्रेस मुखर, जिलाधिकारी को सौंपा ज्ञापन

Team uklive


नई टिहरी : शहर कांग्रेस कमेटी नई टिहरी के अध्यक्ष कुलदीप पंवार की अगवाई में मंगलवार को कांग्रेस जनों ने नई टिहरी तथा चम्बा शहर की प्रमुख जन समस्याओं को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया और जिलाधिकारी  को समस्याओं के समाधान के लिये  ज्ञापन सौंपा।


नई टिहरी की प्रमुख मांगो मे जिला अस्पताल नई टिहरी में पर्याप्त डॉक्टर, स्टाफ तथा मशीनें उपलब्ध कराने व इन मशीनों में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध कराने व अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को सूचारू रूप से संचालित किया जाय ताकि जिला अस्पताल रैफरल सेन्टर न बन सके।


2. नई टिहरी में पांच हजार से अधिक उपभोक्ताओं को पेयजल एवं सीवर शुल्क देना पड रहा है, जबकि हनुमन्ता राव कमेटी के अनुसार बांध से विस्थापित व प्रभावित परिवारों को इसमें रियायत दी गयी थी, विगत दिनो भाजपा सरकार ने कोरी घोषणा कर पेयजल व सीवर शुल्क माफ करने का ढिंढोरा पीटा था लेकिन किसी का पेयजल व सीवर शुल्क माफ नहीं हुआ इसलिये हमारा आग्रह है कि पेयजल व सीवर शुल्क में रियायत देकर माफ किये जाय।


3. नई टिहरी शहर के बाजारो में पार्किंग न होने के कारण जाम की समस्या लगातार उत्पन्न हो रही है इसका निराकरण किया जाय।


4. नई टिहरी शहर की सडको में जगह-जगह गढ्‌ढे बने होने के कारण एक्सीडेन्ट हो रहे है इसलिये सडक निर्माण में हो रहे डामरीकरण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देकर गढ्‌ढे भरें जाय


 5. टिहरी झील में बनी 14 दुकानों का टेण्डर तथा पर्यटन की पार्किंग बडी बोटों जैसे कूज, याट, जैटो बेटर, इत्यादि पर भी टिहरी जिले के ही व्यक्तियों को आवेदन करने की अनुमति दी जाय।


6. नई टिहरी शहर को कोटी कॉलोनी से जोडते हुये पर्यटन की गतिविधियों को शहर से जोडने की कृपा करे, जिससे लोगों को रोजगार मिल सके।


7. शहरी की कॉलोनियों के फेरी करने वालों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य किया जाय तथा 9 सी आदि कॉलोनियों में पशु अवरोधक गेट लगवायें जाय तथा नालियों की साफ सफाई करवायी जाय।


8. नई टिहरी शहर में पेयजल की कमी के कारण पूर्व में जैसे के० ब्लॉक में बोंरिंग कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया गया था वैसे ही अन्य क्षेत्रों को चिन्हित कर बोरिंग के प्वाईन्ट तय कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया जाय।


9. नई टिहरी शहर में आवारा कुत्तों तथा बन्दरों का लगातार आतंक बना हुआ है, जिससे लोग घायल हो रहें हैं हमारा आग्रह है कि इस समस्या का भी समाधान किया जाय।


10. नई टिहरी शहर के प्रत्येक वार्ड में 30 से अधिक सोलर लाईटें, सी०सी०टी०वी० कैमरे लगवाये जाय, जिससे चोरी व अन्य दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके।

इसके साथ ही कांग्रेस प्रतिनिधियो ने कहा कि चम्बा शहर पूरे जनपद का सेन्टर प्वाईन्ट बनता जा रहा है और इसके चारों तरफ पार्किंग की अत्यन्त आवश्यकता है.

उन्होंने कहा कि  निम्नलिखित स्थानो पर पार्किंग / बहुमंजिला पार्किंग निर्मित की जाय. 

कुलदीप पंवार ने कहा कि नई टिहरी रोड पर थाने के निकट

धरासू रोड पर अधूरी पार्किंग को पूर्ण किया जाय।

पुरानी टिहरी रोड पर निकट कूडा घर के निकट।


2. चम्बा शहर की आन्तरिक सडकों में गढढो को भरने / डामरीकरण का काम किया जाय ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके।


3. चम्बा स्वास्थ्य केन्द्र में पर्याप्त डॉक्टर, स्टाफ व अन्य उपकरणों तथा दवाईयों आदि की सूचारू व्यवस्था की जाय ताकि मरीजों को अन्यत्र रैफर न किया जाय।

ज्ञापन देने वालों मे  राकेश राणा, जिलाध्यक्ष, शान्ति प्रसाद भट्ट पूर्व जिलाध्यक्ष, सूरज राणा पूर्व जिलाध्यक्ष, विक्रम सिंह पंवार पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष, ज्योति प्रसाद भट्ट वरिष्ठ नेता।, आनन्द सिंह बेलवाल पूर्व अध्यक्ष जिला बार एसोसिएशन टिहरी।, देवेन्द्र नौडियाल सदस्य, पी०सी०सी०, लखवीर सिंह चौहान जिलाध्यक्ष युवा कांग्रेस, मान सिंह रौतेला, निहाल सिंह नेगी, गब्बर सिंह रावत, मनीश पन्त, घनश्याम पंवार, हरि सिंह गुनसोला, विजयपाल, वीर सिंह गुनसोला, इसरार खान आदि उपस्थित रहे. 

बूढाकेदार-पिंस्वाड़ मोटर मार्ग पर हल्के वाहनों की आवाजाही हुई शुरू

Team uklive


टिहरी : विगत माह जुलाई-सितम्बर में अतिवृष्टि एवं बादल फटने से जनपद के घनसाली एवं भिलंगना क्षेत्रान्तर्गत जनहानि, पशुहानि होने के साथ ही विभागीय परिसम्पतियों को काफी नुकसान हुआ। इस दौरान भिलंगना ब्लॉक में दूरस्थ गांव पिंस्वाड़, बनाली और उरणी को जोड़ने वाला बूढाकेदार-पिंस्वाड़ मोटर मार्ग दो बार 30 किमी में जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया था।


जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत एवं निर्माण कार्याे की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। जिलाधिकारी के निर्देशन में बूढाकेदार-पिंस्वाड़ मोटर मार्ग सुचारीकरण को लेकर अधिशासी अभियन्ता पीएमजीएसवाई-1 टिहरी ने निरन्तर क्षेत्र में रहकर मोटर मार्ग सुचारीकरण का कार्य करवाया गया, जिसके चलते मंगलवार को बूढाकेदार-पिंस्वाड़ मोटर मार्ग पर हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। मोटर मार्ग के खुल जाने से अब गांवों के लोगों को लम्बा पैदल सफर तय नहीं करना पड़ेगा।


                                   

बूढाकेदार-पिंस्वाड़ मोटर मार्ग पर हल्के वाहनों की आवाजाही हुई शुरू

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टिहरी : विगत माह जुलाई-सितम्बर में अतिवृष्टि एवं बादल फटने से जनपद के घनसाली एवं भिलंगना क्षेत्रान्तर्गत जनहानि, पशुहानि होने के साथ ही विभागीय परिसम्पतियों को काफी नुकसान हुआ। इस दौरान भिलंगना ब्लॉक में दूरस्थ गांव पिंस्वाड़, बनाली और उरणी को जोड़ने वाला बूढाकेदार-पिंस्वाड़ मोटर मार्ग दो बार 30 किमी में जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गया था।


जिलाधिकारी मयूर दीक्षित द्वारा आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आपदा राहत एवं निर्माण कार्याे की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। जिलाधिकारी के निर्देशन में बूढाकेदार-पिंस्वाड़ मोटर मार्ग सुचारीकरण को लेकर अधिशासी अभियन्ता पीएमजीएसवाई-1 टिहरी ने निरन्तर क्षेत्र में रहकर मोटर मार्ग सुचारीकरण का कार्य करवाया गया, जिसके चलते मंगलवार को बूढाकेदार-पिंस्वाड़ मोटर मार्ग पर हल्के वाहनों की आवाजाही शुरू हो चुकी है। मोटर मार्ग के खुल जाने से अब गांवों के लोगों को लम्बा पैदल सफर तय नहीं करना पड़ेगा।