शैक्षणिक उत्कृष्टता, सुशासन एवं शोध नवाचार को मिला नई दिशा - कुलपति प्रो. एन.के. जोशी की अध्यक्षता में लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय

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ज्योति डोभाल संपादक 



 टिहरी : श्री देव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के मुख्यालय में शुक्रवार को  कुलपति प्रो. एन.के. जोशी की अध्यक्षता में कार्यपरिषद की 12वीं बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।

 बैठक में विश्वविद्यालय की शैक्षणिक, वित्तीय, अनुसंधान एवं प्रशासनिक नीतियों से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया तथा दूरगामी प्रभाव वाले निर्णय सर्वसम्मति से अनुमोदित किए गए।
बताते चलें कि 29 अक्टूबर  को विश्वविद्यालय मुख्यालय में वित्त समिति की 09वीं बैठक आहूत की गयी थी जिसमें कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये  l इनमें विश्वविद्यालय के खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने हेतु पुरस्कार राशि प्रदान करने, शोध प्रस्तावों के लिए अध्यापकों को वित्तीय सहयोग करने जैसे निर्णय शामिल रहे। इसके साथ ही विश्वविद्यालय परिसर में AI Lab एवं GIS lab की स्थापना हेतु क्रमशः ₹75 लाख और ₹25 लाख की धनराशि स्वीकृत की गई। मुख्यालय एवं परिसर में नेटवर्किंग, ऑनलाइन UPS, स्मार्ट बोर्ड, कम्प्यूटर क्रय और ट्रांजिट हॉस्टल फर्निशिंग हेतु भी लगभग ₹3 करोड़ का व्यय अनुमोदित किया गया।


 उच्च शिक्षा के क्षेत्र में शोध एवं नवाचार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “शोध कोष (Research Fund)” की स्थापना का निर्णय लिया गया, जिसमें ₹10 करोड़ की राशि कोष से प्राप्त ब्याज की धनराशि ₹50 लाख प्रतिवर्ष शोध परियोजनाओं, पेटेंट और तकनीकी नवाचारों को बढ़ावा देने में उपयोग की जाएगी। 
31अक्टूबर  को मुख्यालय में कार्यपरिषद की 12वीं बैठक में भी कई नीतिगत निर्णय लिए गए जिनमें शैक्षिक परिषद की 16वीं बैठक (दिनांक 19 जुलाई 2025) के कार्यवृत्त का अनुमोदन किया गया। परिसर, ऋषिकेश में गठित वरिष्ठता निर्धारण समिति की संस्तुतियों को परिषद के संज्ञान में प्रस्तुत किया गया, जिसके आधार पर सेवारत शिक्षकों की अंतिम वरिष्ठता सूची निर्गत कर दी गई तथा संकायाध्यक्षों एवं विभागाध्यक्षों की नियुक्तियां की गईं।
 राज्य निधि से सहायता प्राप्त अशासकीय महाविद्यालयों के शिक्षणेत्तर कार्मिकों की सेवानिवृत्ति तिथि को राजकीय कर्मचारियों के अनुरूप माह के अंतिम दिवस करने का प्रस्ताव अनुमोदित किया गया। साथ ही मृतक आश्रित सेवा नियमावली 1974 (संशोधित 2023) को विश्वविद्यालय की परिनियमावली में समाहित करने को स्वीकृति प्रदान की गई।
 बैठक में विश्वविद्यालय के मिनिस्ट्रीयल संवर्ग में 17 पदों की स्वीकृति, CAS प्रमोशन हेतु विषय विशेषज्ञों की मांग, 31 महाविद्यालयों की संबद्धता एवं 8 डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की स्वीकृति, तथा संशोधित आरक्षण रोस्टर निर्धारण जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर अनुमोदन प्रदान किया गया। 
इसके साथ ही विश्वविद्यालय के षष्ठम दीक्षान्त समारोह के आयोजन को स्वीकृति दी गई, जिसमें सत्र 2024 के टॉपर्स छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल एवं उपाधि (डिग्री) से अलंकृत किया जाएगा। राजकीय महाविद्यालय चन्द्रबदनी (नैखरी), टिहरी गढ़वाल को विश्वविद्यालय के नए परिसर के रूप में स्थापित किए जाने की सूचना परिषद को दी गई, साथ ही राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोपेश्वर (चमोली) के शिक्षण एवं शिक्षणेत्तर कार्मिकों को अस्थायी तैनाती (Temporary Arrangement ) के आधार पर दो वर्षों के लिए विश्वविद्यालय में तैनात करने की शासन स्वीकृति से परिषद को अवगत कराया गया। कार्यपरिषद की बैठक में सदस्य सचिव के रूप में विश्वविद्यालय के कुलसचिव  दिनेश चंद्रा उपस्थित रहे, साथ ही ऑनलाइन माध्यम से डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, सचिव, उच्च शिक्षा ने भी बैठक में अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज की।
 बैठक में  सदस्यगणों के रूप में डॉ. राजेन्द्र डोभाल, प्रो. तेजेन्द्र शर्मा, प्रो. एम.एस.एम. रावत, प्रो. विजय प्रकाश श्रीवास्तव, प्रो. कल्पना पन्त, डॉ. हेमन्त सिंह, डॉ. संजय मेहर, प्रो. के.एन. बरमोला, प्रो. महेन्द्र सिंह पंवार, प्रो. सतीश पन्त तथा प्रो. शैलेन्द्र कुमार तिवारी उपस्थित रहे।
अंत में कुलपति प्रो. एन.के. जोशी ने कहा - “वित्त समिति एवं कार्यपरिषद द्वारा लिए गए ये निर्णय विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उत्कृष्टता, शोध नवाचार और सुशासन की दिशा में मील का पत्थर सिद्ध होंगे। विश्वविद्यालय निरंतर नई ऊँचाइयों की ओर अग्रसर रहेगा।


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