एक राष्ट्र, एक चुनाव की तरह ही एक राष्ट्र का रजिस्ट्रेशन जीएसटी हो

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ज्योति डोभाल संपादक 



 नई दिल्ली : सेल्फ एम्प्लॉयड टैक्स पेयर्स फेडरेशन (एसटीएफआई) की बैठक कल 27/8/2025 को एफ-19, यूनाइटेड इंडिया लाइफ बिल्डिंग, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में श्री जय भगवान गोयल, चेयरमैन (एसटीएफआई), अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट व वरिष्ठ भाजपा नेता की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक में श्री वी. डी. अग्रवाल, महासचिव, श्री आर. के. गौड़, संयुक्त सचिव, श्री रविन्द्र गर्ग, वित्त सचिव, श्री राजेश्वर पैन्यूली, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं प्रवक्ता, फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया व्यापार मंडल, नई दिल्ली, श्री विजय अग्रवाल, श्री विनोद गुप्ता, श्री अशोक कुमार, श्री कपिल वर्मा तथा श्री मनोज जैन उपस्थित रहे।


आगामी जीएसटी काउंसिल की प्रस्तावित मीटिंग जो 3 और 4 सितम्बर 2025 को होनी है, उस बैठक हेतु हमारी फेडरेशन के द्वारा निम्नलिखित सिफारिश करने के निर्णय लिए गएः


1. सरकार से अपेक्षा की गई कि जीएसटी सुधारों में अनुपालन का बोझ कम किया जाए तथा सरकारी अधिकारियों का व्यवहार संतुलित होना चाहिए और जो वर्तमान में अधिकारियों का अधिक धन संग्रह पर जोर रहता है वो नहीं होना चाहिए। व्यापारी हर तरह से सरकार को योगदान देता है इसलिए आवश्यक है कि उनकी कठिनाइयों को देखा जाए, सुलझाया जाए और उनका कागजी कार्यवाही करने का भार कम किया जाए। व्यापारियों पर कर का भार ही नहीं है अन्य भार भी है जैसे अफसरों की संतुष्टि इत्यादि। अफसरों से न्यायोचित व्यवहार की अपेक्षा की जाती है और अधिकारियों द्वारा की जा रहे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ये जरूरी है कि पूरी तरह से पारदर्शी व्यवस्था लागू हो जैसे इनकम टैक्स की फैसलेस व्यवस्था है। जितना कंप्लायंस का बोझ व्यापारी पर कम होगा उतना ही व्यापारी व्यापार ज्यादा करके ज्यादा से ज्यादा कर सरकार को देगा जिससे भारत विश्व की तीसरी अर्थव्यवस्था तक जल्दी पहुंच पाएगा।


2. व्यापारी की बहुत बड़ी समस्या है कि आपस में लेनदेन का समय आपसी संबंधों के अनुसार होता है। जीएसटी में 180 दिन का भुगतान न होने के कारण व्यापारियों को अनायास 18 प्रतिशत ब्याज देना पड़ता है जो अनुचित और अव्यवहारिक है। इसको तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाए।

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