अविरल गंगा का क्या हाल है अपने मायके उत्तरकाशी में. क्या चारधाम यात्रा पर दिखेगा इसका प्रभाव ?

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वीरेंद्र सिंह नेगी 


उत्तरकाशी : चारधाम यात्रा की तैयारी में जंहा उत्तरकाशी प्रशासन तैयारी में जुटा है माँ गंगा के दर्शन के लिए जंहा पूरे भारत से लेकर पूरे विश्व से माँ गंगा के दर्शन के लिए आते है. वंही दूसरी और माँ गंगा को अपने घर में इतना दुषित किया जा रहा है. जिसका दुषपरिणाम आने वाले समय में देखने को मिल सकता है. 


अप्रेल माह में गंगोत्री धाम के कपाट खुलने जा रहा है. जो यात्री उत्तरकाशी जिले में प्रवेश करेंगे. उन्हें सर्वप्रथम NH व् माँ गंगा  के किनारे पड़े कूड़े से रूबरू होना पड़ेगा. उत्तरकाशी के लिए ये कूड़ा मुशीबत बनता जा रहा है. वंही प्रशासन इसको कई वर्षो से टालता दिख रहा है. 



नमामि गंगा के नाम पर जंहा कई बजट लाये जा रहे है.प्रशासन द्वारा घाटों पर फोटो सेशन व् घाटों को ही स्वछ किया जा रहा है. जबकि  उन बजटों का जमीनी हकीकत कंही नहीं दिख रहा है. गंगा नदी में आये दिन कूड़ा प्रवाह होता जा रहा है. जिससे गंगा नदी अपने मायके से ही दुषित होकर गंगा सागर में विलय हो रही है.


इस पर कई बार समाज सेवी अमरीकन पूरी ने प्रशासन को उनकी नींद से जगाने का प्रयास किया. तभी भी सिर्फ आश्वासन देकर ही इस मामले को एक ठंडे बस्ते में डाल कर बंद कर दिया जाता है.संबंधित प्रशासन इस कूड़े को खुले में छोड़ कर इसे गंगा में प्रवाह कर रहा है या फिर इसे रात के अँधेरे में जला कर नष्ट करने की कोशिश कर रहा है. प्रशासन इस कूड़े का कई वर्षो से इसका मुख्य ठोस उपाय अब तक नहीं निकाल पाया है. 



अब देखना यह होगा जंहा अब चारधाम यात्रा लगभग शुरू हो चुकी है. वंही ये कूड़ा जो उत्तरकाशी के मुख पर रखा है. उससे बचने के लिए यात्रिओं को प्रशासन क्या कार्य करता है ?

क्या इस कूड़े से उत्तरकाशी की छवि धूमिल हो सकती है या नहीं.

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