Team uklive
टिहरी : उत्तरायनी भागीरथी समितिऔर संस्कार परिवार देवभूमि ट्रस्ट द्वारा आयोजित रिवर्स पलायन संवाद के दूसरे दिन तिवाड़ गांव की महिलाओं ने संकल्प लिया कि पर्यटन ग्राम तिवाड़ गांव के सभी होम स्टे में देवभूमि की संस्कृति संस्कारों रीति रिवाजों के अनुरूप आने वाले पर्यटकों का स्वागत मांगल गायन, मंगल तिलक, ढोल, दमाऊ के साथ पारम्परिक परिधानों में होगा.
यहां शराब पीना, लाना और डीजे की धुन में नाचना बिलकुल मना होगा ताकि देवभूमि के देवत्व, संस्कृति संस्कारों का एहसास आने वाले पर्यटकों को हो, रविवार प्रातः काल कार्यक्रम का सुभारंभ आध्यात्मिक गुरु आचार्य बिपिन जोशी के पावन सानिध्य में योग और ध्यान के साथ हुआ.
ग्राम वासियों को योग, प्राणायाम और ध्यान की बारीकियां समझाते हुए आचार्य बिपिन जोशी ने योग को स्वयं द्वारा स्वयं के लिए स्वयं तक की यात्रा बताया.
उन्होने बताया इस गांव को योग ग्राम के रुप में विकसित कर देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को मां गंगा के तट पर योग, ध्यान के साथ साथ आयुर्वेद चिकित्सा का भी सुअवसर प्राप्त होगा, इस गांव को माडल बनाकर इसी पैटर्न में उत्तराखंड के गावों का योग ग्राम के रुप में विकास होगा.
पदमश्री डा0 माधुरी बड़थ्वाल द्वारा रविवार को भी तिवाड़ गांव और आस पास के गावों की महिलाओं को मांगल गीतों के साथ साथ गढवाली भाषा संस्कृति और संस्कारों की जानकारी दी गई, महिलाओं ने सुंदर मांगल गाकर सभी को मंत्रमुग्ध किया.