Team uklive
टिहरी: जंगलों में वनाग्नि व सुखाते जलस्रोतों के संरक्षण के लिए विद्या मंदिर इण्टर कॉलेज नई टिहरी में पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी के नेतृत्व में तथा प्रधानाचार्य बीडी कुनियाल की अध्यक्षता में गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे प्राकृतिक संसाधनों को बचाने का संकल्प लिया गया और डॉ सोनी ने प्रधानाचार्य व छात्र छात्राओं को मोरपंखी व बोटलब्रास के पौधे उपहार में भेंट किये।
पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने कहा जिस तरीके से उत्तराखंड के जंगल गर्मी आते ही आग से धधक जाते हैं और वातावरण दूषित हो जाता हैं जिसका सीधा असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता हैं। इस वनाग्नि से सबसे ज्यादा प्रभावित हमारे जलस्रोत हो रहे हैं समय रहते ये वनाग्नि नही रोकी गई तो वो दिन दूर नही होगा जब पहाड़ो में भी पानी की किल्लत होगी। सभी जन मानस को इस धरती में अपने जिम्मेदारी निभाते हुए वनाग्नि पर रोक लगाने का प्रयास करना चाहिए तभी हमारे पहाड़ो के जलस्रोतों को बचाया जा सकता हैं।
पर्यावरणविद डॉ सोनी
प्रधानाचार्य बीडी कुनियाल ने कहा एक बच्चा शिक्षित होता हैं तो पूरा परिवार शिक्षित होता है इसलिए हमें शिक्षा की मुख्य धारा से जुड़कर सभ्य समाज के निर्माण में अपनी भूमिका निभानी हुए अपने प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना चाहिए आज हमारे विद्यालय में वृक्षमित्र डॉ सोनी आये जिन्होंने छात्रों को पर्यावरण संरक्षण की जानकारी दी। कार्यक्रम में रविन्द्र परमार, रमेश रतूड़ी, बालकृष्ण कोठारी, रेखा डोभाल, रेखा भट्ट, मनोज प्रसाद सकलानी, पूरन सिंह सारांश, राकेश पंवार, दीपक बडोला, रंजना सेमवाल, संध्या नोटियाल, नीलू, पराँची नेगी, खुसबू उनियाल, आशीष नेगी, प्रियांशु कोठियाल आदि उपस्थित थे।