उत्तरकाशी के जंगलो में लगी भीषण आग

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रिपोर्ट : वीरेंद्र नेगी 


उत्तरकाशी : जिला मुख्यालय के नजदीक बाड़ाहाट व निम के जंगल बीती देर शाम से आग लगने से धधक रहे हैं. जंगलों में लगी आग से लाखों की वन संपदा जलकर राख हो चुकी है. वहीं तमाम दावों के बावजूद भी वन विभाग जंगलों की आग नहीं बुझा पा रहा है. जिला मुख्यालय के नजदीक वरुणावत पर्वत व् NIM के आस पास आग इतनी भयंकर लगी हुई है कि आग बस्ती की ओर आ सकती है.



रविवार देर शाम वरुणावत व् NIM के  जंगल भीषण आग की चपेट में आ चुके है . आग ने विकराल रूप ले लिया और देखते ही देखते लाखों की कीमती वन संपदा जलकर राख हो गई. वहीं वरुणावत पर्वत पर देर रात तक आग लगी रही. आग इतनी विकराल हो गई कि आग बस्ती की ओर आने लगी. इस कारण लोगों में अफरा-तफरी मच गई. वन विभाग और आसपास के लोग आग बुझाने में जुटे हैं.


वन विभाग दावा कर रहा है कि जंगलों की आग बुझाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन धरातल पर सारे विभागीय इंतजाम फेल साबित हो रहे हैं. इससे जंगली जानवरों के समक्ष जीवन के साथ ही भोजन-पानी का संकट पैदा हो गया है. इसके साथ ही वातावरण प्रदूषित होने से लोगों को सांस लेने में तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है. लोकेन्द्र बिष्ट (प्रदेश संयोजक गंगा विचार मंच)  ने वन विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा है. वन विभाग के अधिकारी वन सम्पदा को आग के हवाले कर के मुख दर्शक बने हुए है. पिछले कई दिनों से उत्तरकाशी के वन सम्पदा को आग के हवाले किया जा चूका है. जिससे वन सम्पदा को काफी क्षति पहुंच चुकी है. 


लोकेन्द्र बिष्ट. प्रदेश संयोजक. गंगा विचार मंच.

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2टिप्पणियाँ

  1. 🌹 जय देव भूमि उत्तराखंड 🌹वन अग्नि की ज्वाला में आकर 11/4/ 2021 को किसान का सेब का बाग जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया लेकिन उत्तराखंड के भाजपा के डबल इंजन की सरकार होते हुए भी पिछले वर्ष तीन तीन मुख्यमंत्रियों के बदलने से नए मुख्यमंत्री का चयन होने तक किसान को अभी तक नुकसान का लाभ प्राप्त नहीं हुआ जो की अपने आप में एक गंभीर और विचार जनक विषय हैl सरकार द्वारा वादे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं, योजनाएं भी अनेकों लागू की जाती हैं, लेकिन यह धरातल पर किसी भी काम की नजर नहीं आती हैl यह सारी योजनाएं सिर्फ आम नागरिक के नाम से खानापूर्ति के लिए तैयार की जाती हैl लेकिन इनका वास्तविक लाभ आम नागरिक को प्राप्त नहीं हो पाता हैl आम नागरिक के नाम से तो सिर्फ धांधली की होती है, योजनाएं तो सिर्फ कागज कार्रवाई तक दिखाने के लिए सीमित हैl उसके नाम से आया हुआ धन का सिर्फ होता हैl और यहां अधिकारी और नेताओं के घर बनाने का तक ही सीमित रह जाती है l भगवती प्रसाद ग्राम गौल ठकराल जिला उत्तरकाशी तहसील बड़कोट वालों का सेब का बगीचा पिछले वर्ष वन अग्नि की ज्वाला में पूरी तरह जलकर नष्ट हो गया जिसने किसान का लाखों का नुकसान हुआ नुकसान का जायजा भी लिया गया बाधुचे का निरीक्षण किया गया उप जिलाधिकारी द्वारा जिला अधिकारी को नुकसान का कागजों सही हर ब्यौरा दिया गया जिला अधिकारी द्वारा माननीय मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष को 2 जून को भी भेजा गया लेकिन उत्तराखंड में तीन तीन मुख्यमंत्रियों के बदलने के बावजूद भी और नई सरकार में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति के बाद भी किसान के तरफ अभी तक कोई मान सम्मान या कोई सहायता राशि उपलब्ध नहीं हो पाई हैI एक तरफ जहां बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं दूसरी तरफ वहां किसान के साथ तरह का व्यवहार किया जाता है जिससे आप समझ भली-भांति समझ सकते हैं की नेताओं का कार्य सिर्फ झूठे वादे करना ही होता है
    धन्य है देवभूमि उत्तराखंड और धन्य है इससे प्रतिनिधित्व करने वाले और जनता को सिर्फ झूठा आश्वासन देने वाले जय देव भूमि उत्तराखंडl
    समाज सेवक देवभूमि उत्तराखंड
    8958779824

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  2. 🌹 जय देव भूमि उत्तराखंड 🌹वन अग्नि की ज्वाला में आकर 11/4/ 2021 को किसान का सेब का बाग जलकर पूरी तरह नष्ट हो गया लेकिन उत्तराखंड के भाजपा के डबल इंजन की सरकार होते हुए भी पिछले वर्ष तीन तीन मुख्यमंत्रियों के बदलने से नए मुख्यमंत्री का चयन होने तक किसान को अभी तक नुकसान का लाभ प्राप्त नहीं हुआ जो की अपने आप में एक गंभीर और विचार जनक विषय हैl सरकार द्वारा वादे तो बड़े-बड़े किए जाते हैं, योजनाएं भी अनेकों लागू की जाती हैं, लेकिन यह धरातल पर किसी भी काम की नजर नहीं आती हैl यह सारी योजनाएं सिर्फ आम नागरिक के नाम से खानापूर्ति के लिए तैयार की जाती हैl लेकिन इनका वास्तविक लाभ आम नागरिक को प्राप्त नहीं हो पाता हैl आम नागरिक के नाम से तो सिर्फ धांधली की होती है, योजनाएं तो सिर्फ कागज कार्रवाई तक दिखाने के लिए सीमित हैl उसके नाम से आया हुआ धन का सिर्फ होता हैl और यहां अधिकारी और नेताओं के घर बनाने का तक ही सीमित रह जाती है l भगवती प्रसाद ग्राम गौल ठकराल जिला उत्तरकाशी तहसील बड़कोट वालों का सेब का बगीचा पिछले वर्ष वन अग्नि की ज्वाला में पूरी तरह जलकर नष्ट हो गया जिसने किसान का लाखों का नुकसान हुआ नुकसान का जायजा भी लिया गया बाधुचे का निरीक्षण किया गया उप जिलाधिकारी द्वारा जिला अधिकारी को नुकसान का कागजों सही हर ब्यौरा दिया गया जिला अधिकारी द्वारा माननीय मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष को 2 जून को भी भेजा गया लेकिन उत्तराखंड में तीन तीन मुख्यमंत्रियों के बदलने के बावजूद भी और नई सरकार में नए मुख्यमंत्री की नियुक्ति के बाद भी किसान के तरफ अभी तक कोई मान सम्मान या कोई सहायता राशि उपलब्ध नहीं हो पाई हैI एक तरफ जहां बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं दूसरी तरफ वहां किसान के साथ तरह का व्यवहार किया जाता है जिससे आप समझ भली-भांति समझ सकते हैं की नेताओं का कार्य सिर्फ झूठे वादे करना ही होता है
    धन्य है देवभूमि उत्तराखंड और धन्य है इससे प्रतिनिधित्व करने वाले और जनता को सिर्फ झूठा आश्वासन देने वाले जय देव भूमि उत्तराखंडl
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