Team uklive
टिहरी : मुख्यमंत्री के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस पीसीसी सदस्य शांति भट्ट ने कहा कि 9 नवम्बर 2000 को नवोदित "उतरांचल" राज्य अस्तित्व में आया था, किन्तु 21जनवरी2007को उतरांचल नाम को संवैधानिक संशोधन अधि.2000 से संशोधित कर" उतराखण्ड"किया गया ।
20साल 7माह 21दिन के इस राज्य में भाजपा 10साल 7माह 11दिन सत्ता में रही और अब तक 7 मुख्यमंत्री दे चुकी है।(नित्यानंद स्वामी, भगत सिंह कोश्यारी, भुवनचंद्र खंडूरी, रमेश पोखरियाल निशंक, भुवन चंद खंडूरी, तिर्वेंद्र रावत, तीरथ सिंह रावत)
जबकि "भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस" 9साल 3माह 17दिन सत्ता में रही और सिर्फ 3मुख्यमंत्री(श्री नारयण दत्त तिवारी, श्री विजय बहुगुणा ओर श्री हरीश रावत जी) दिए, इनमे भी एक पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा भाजपा में ही चले गए भाजपा ने दलबदल कर संवैधानिक पाप किया और हरीश रावत सरकार को गिरा दिया था उस वक्त भी अस्थिरता पैदा करने के लिए भाजपा ही दोषी थी,माननीय उच्च न्यायालय ने टिपणी करते हुए कहा भी था कि इन्होंने "संवेधानिक पाप" किया है।
वर्तमान मुख्यमंत्री माननीय तीरथ सिंह रावत जी ने 9 मॉर्च 2021 को शपथ ली थी ,किन्तु उन्हें 10 सितंबर तक विधायक निर्वाचित होकर आना आवश्यक है, ताकि वे सदन की सदस्यता ले सके, किंतु भाजपा ने रणनीतिक गलती जानबूझकर की या राजनैतिक अपरिपक्वता के कारण यह तो वही जाने।
किन्तु कानून स्पष्ट रूप से कहता है देखे:-
"लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम1951 की धारा
[151-क. स्प्ष्ट रूप से कहती है कि "धारा 147,धारा150,ओर धारा151 में किसी बात के होते हुए भी उक्त धाराओं में से किसी मे निदिर्ष्ट किसी रिक्ति को भरने के लिए उप-निर्वाचन ,रिक्त होने की तारीख से छः मास की अवधि के भीतर कराया जाएगा :-परन्तु इस धारा की कोई बात उस दशा में लागू नही होगी जिसमें -
किसी रिक्ति से सम्बंधित सदस्य की पदावधि का शेष भाग एक वर्ष से कम है; या
निर्वाचन आयोग ,केंद्रीय सरकार से परामर्श करके ,यहप्रमाणित करता है कि उक्त अवधि के भीतर ऐसा उप-निर्वाचन कराना कठिन है]
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने दिनांक 3दिसम्बर2010 को
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया
बनाम
तेलंगाना राष्ट्र समिति के केश में भी यह उलखित किया था, ओर 9मई 2018 में भी माननीय सुप्रीम कोर्ट ने
प्रमोद लक्ष्मण
बनाम
इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के केश में भी स्पष्ट किया है।



