कवि सोमवारी लाल सकलानी की कलम से
चम्बा : जी हां । यह बटिया (मार्ग) ही नहीं बल्कि पुराना राजमार्ग है आज अपनी दुर्दशा पर रो रहा है। तल्ला चंबा से नवनिर्मित सुमन कॉलोनी होते हुए यह मार्ग भवानी मंदिर होकर कुडियाल गांव, बुरांसखंडा, सुवाखोली होते हुए मसूरी पहुंचता था। महाराजा साहब का घोड़ा कभी इस मार्ग से जाता था और राजा साहब के साथ काफी लाव लश्कर भी इस मार्ग से आवागमन करता था लेकिन आजादी के बाद इस मार्ग का न तो संरक्षण हुआ बल्कि दुर्दशा हुई। बसायत बढ़ती गई, लोग अपनी ही सुख सुविधा में लीन हो गए और इन मार्गों की उपेक्षा हो गई ।
चंबा नगर क्षेत्र से मात्र 100 मीटर की दूरी पर सड़क मार्ग से यह रास्ता निकलता है । स्थानीय गांव मंजूड, स्यूटा,भंडारगांव, जखोत आदि गांवों पुश्तैनी जमीन से होकर जाता है। सैकड़ों परिवार सुमन कॉलोनी के नाम से इस बटिया से आते जाते हैं । लेकिन उत्तराखंड बनने के 20 वर्ष बाद भी किसी ने इस मार्ग को संवारने की जरूरत महसूस नहीं की।
यह मार्ग जंगलात की भूमि से होकर जाता है। वन विभाग को इस मार्ग को बनाना चाहिए था क्योंकि जंगल के बीच से होकर के यह मार्ग गुजरता है और ग्रीष्म ऋतु में हर वर्ष आग लगने के कारण बांज के हजारों हरे पेड़ जल जाते हैं। यदि यह मार्ग 200 मीटर पक्का बन जाता तो वन कर्मियों, स्थानीय लोगों को आग बुझाने भी भी सहूलियत होती।
मातृशक्ति तथा किसान भारत की रीड और शान हैं लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। जान जोखिम में डालकर हमारी मां- बहन इस मार्ग से अपनी पुश्तैनी छानियों से प्रतिदिन चारापत्ती, लकड़ी ,घास लाती है। किसान बैल ले जाते है। कृषि सामग्री लेकर के माताएं आवागमन करती हैं। रास्ते के यह हाल हैं कि यदि थोड़ा सा भी चूक हो गई तो फिर जीवन संकट में है ।
तल्ला चंबा और सुमन कालोनी दक्षिण भाग में लगभग 300 मजदूर यहां निवास करते हैं और सर्वाधिक उनका जाना आना इसी मार्ग से होता है। सुमन कॉलोनी और तल्ला चंबा अब नगर पालिका परिषद क्षेत्र का प्रथम वार्ड है। इसलिए यहां प्रतिदिन इस मार्ग से सैकड़ों लोग आवागमन करते हैं। सुमन कॉलोनी उत्तर पश्चिम भाग में अनुसूचित जाति के स्थानीय निवासी निवास करते हैं। बीसों परिवार यहां पीढ़ियों से रह रहे हैं।
राजशाही के जमाने और बाद के वषों ( उत्तराखंड राज्य से पूर्व )इस मार्ग पर चहल-पहल के कारण यह एक आदर्श मार्ग माना जाता था ,जिसकी हालत आज बद से बदतर है।
मेरा स्थानीय प्रशासन, नगर पालिका परिषद चंबा तथा वन विभाग से अनुरोध है कि जनहित को देखते हुए इस संपर्क मार्ग को यथाशीघ्र बनाया जाए ताकि स्थानीय लोगों के साथ साथ असंख्य नागरिकों का जीवन सुरक्षित रहे ।
यह नहीं की कि इस मार्ग की दुर्दशा किसी के संज्ञान में न हो, जंगलात के दो रेंज कार्यालय सुमन कालोनी तल् चंबा में हैं। क्षेत्राधिकारी महोदय से भी निवेदन है कि जनहित की इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए इस संपर्क मार्ग का 200 मीटर मरम्मत कार्य करेंगे क्योंकि विभाग की भूमि के अंतर्गत यह आता है इसलिए विभाग की जिम्मेदारी भी है कि संपर्क मार्ग पर गौर किया जाए।
अपने जनप्रतिनिधियों, स्थानीय ग्रामों के सम्मानित प्रधान गणों, नगर पालिका परिषद चंबा तथा वन विभाग से निवेदन है कि अवश्य इस मार्ग का यथाशीघ्र इस संपर्क मार्ग का जीर्णोद्धार करें । यह जनहित का मुद्दा है ।



