ज्योति डोभाल संपादक
नई टिहरी: विक्रम सिंह नेगी विधायक प्रतापनगर ने कहा कि "उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन का कार्यकाल विगत 08 माह पूर्व ही समाप्त हो गया था, किंतु सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग पंचायत चुनाव नहीं करा सका, कांग्रेस पार्टी पहले ही दिन से कहती रही कि संविधान और एक्ट में व्यवस्था है कि कार्यकाल खत्म होने से पहले निर्वाचन करा लिया जाय, पर भाजपा सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी रही, अब जब पूरे प्रदेश में चतुर्मास शुरू हो चुका है, भारी बारिश का अलर्ट है, आपदा की जगह जगह आशंका बनी रहती है, चार धाम यात्रा जारी है, कावंड यात्रा आरम्भ हो चुकी तब सरकार और निर्वाचित आयोग को पंचायत चुनाव कराने की याद आ गई और लोग की जान जोखिम में डालकर यह चुनाव करवा रही है।
73वें संविधान संशोधन के भाग 15 अनुच्छेद 324 से 329 तक में निर्वाचन की व्यवस्था की गई है
*चुनाव के प्रमुख चरण होते है* :
*सरकार का काम*
परिसीमन, आरक्षण, मतदाता सूची का पुनरीक्षण, अनअंतिम सूची का प्रकाशन,अन्तिम सूची का प्रकाशन करना होता है। फिर
कहा कि निर्वाचन आयोग का काम अधिसूचना, नामांकन, नामांकन पत्रों की स्क्रुटनी, चुनाव चिन्ह आवंटन, निर्वाचन, मतगणना, और परिणाम घोषित करना होता है।
इस पंचायत चुनाव में हर स्तर पर सत्ता के भारी दबाव में अधिकारी कर्मचारी काम कर रहे है, पहले मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण के कार्यों में भारी गड़बड़ी की गई, फिर पदों के आरक्षण में अनु जाति, अनु जनजाति के लोगों को चक्रानुक्रम से बहार किया गया ताकि उन्हें आरक्षण का लाभ न मिल सके, इस गलत प्रक्रिया पर जब लोग उद्वेलित हुए तो कोर्ट गए, कोर्ट ने स्टे किया, फिर स्टे हटाया, अब मामला माननीय सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।
ठीक इसी प्रकार जब नामांकन पत्र दाखिल हुए और नामांकन पत्रों की जांच का समय दिनांक 08 एवम् 09 जुलाई 2025 रखा गया, तब दौराने जांच के जिन प्रत्याशियों के नामांकन पत्र वैध पाए गए उन्हें रिटर्निग अधिकारी ने वैधता स्वीकृति की प्राप्ति रसीद दिनांक 08 जुलाई 2025 को ही प्रदान कर दी थी, किंतु दिनांक 09 जुलाई 2025 को उन्हें उनके मोबाइल पर नोटिस भेजा जाता है, कि आपके विरुद्ध शिकायत आई है कि आपका नाम दो जगह मतदाता सूची में दर्ज है, आप तीन बजे तक अपना जवाब प्रस्तुत करे, जब वे या उनके प्रस्तावक रिटर्निंग अधिकारी के पास पहुंचते है, तब उन्हें नोटिस थमाया जाता है लेकिन नोटिस का जवाब लेने से इनकार किया जाता है, रिटर्निग अधिकारी ने किसी प्रत्याशी के नामांकन की जांच पूर्ण होने के बाद उनके विरुद्ध शिकायत क्यों ग्रहण की ? और भाजपा के अधिकृत प्रत्याशी श्रीमती सोना सजवान, श्रीमती नीलम बिष्ट, के नामांकन पत्र क्यों नहीं निरस्त किए जब इनके नाम भी दो दो तीन तीन जगह की मतदाता सूचियों में है
*कांग्रेस जिलाध्यक्ष राकेश राणा* *ने कहा* "भाजपा सरकार और निर्वाचन आयोग की सांठगांठ से नियम कानूनों की अवेहलना कर चुनाव हो रहे है, चुनाव आयोग सरकार की कठपुतली बनकर काम कर रहा है जिससे चुनाव में प्रतिभाग करने वाले प्रत्याशी आशंकित है, और न्यायालय की शरण में है, अभी भी अनेकों प्रत्याशी इस आशंका में चुनाव लड़ रहे है, कि उनके नामांकन निर्वाचन के बाद भी क्या उनका निर्वाचन रद्द तो नहीं हो जायेगा "
शान्ति प्रसाद भट्ट ने कहा कि "जब माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने निर्वाचन आयोग के 06 जुलाई 2025 के सर्कुलर को असंवैधानिक घोषित कर दिया ओर पंचायत राज अधिनियम 2016 यथा संशोधित 2019 की सुसंगत धाराओ 09 (6) (07) को को ही सही माना है, यानी जिनका नाम दो जगह है वे चुनाव नहीं लड़ सकते तो फिर रिटर्निग अधिकारी ने कैसे भाजपा समर्थित उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों को वैध और कांग्रेस की तरफ झुकाव वाले प्रत्याशियों के अवैध घोषित किए है, इससे स्पष्ट होता है, कि निर्वाचन ड्यूटी में लगे अधिकारी कर्मचारी या तो अनुभव हीन है या सत्ता के तोते की तरह काम कर लोकतंत्र की हत्या कर रहे है "।
पत्रकार वार्ता में जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा प्रताप नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक विक्रम सिंह नेगी प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष आशा रावत महिला कांग्रेस की शहर अध्यक्ष अनीता रावत शहर कांग्रेस चम्बा के अध्यक्ष शक्ति प्रसाद जोशी नगर पालिका सभासद युवा कांग्रेस के अध्यक्ष नवीन सेमवाल सोबन सिंह कुमाई आदि मौजूद थे।