Team uklive
चंबा: नगर पालिका परिषद चंबा में पारदर्शिता पर गंभीर सवाल उठते नजर आ रहे हैं। बिना बोर्ड बैठक बुलाए ही नगर पालिका ने 50 लाख 38 हजार रुपये के टेंडर जारी कर दिए, जिससे निर्वाचित सभासदों में रोष फैल गया है।
सभासद शक्ति प्रसाद जोशी ने बताया कि नगर में अति आवश्यक निर्माण कार्यों को बोर्ड में रखने का अवसर तक नहीं दिया गया। हैरानी की बात यह है कि किसी भी वार्ड के लिए निर्माण कार्यों का प्रस्ताव सभासदों से नहीं मांगा गया। जब यह खबर आई कि टेंडर जारी हो चुके हैं, तब सभासदों को इसकी जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से मिली, जबकि बोर्ड के किसी भी सदस्य को आधिकारिक सूचना नहीं दी गई।
सभासदों का कहना है कि जो भी निर्माण कार्य कराए जाने हैं, उनका प्रस्ताव नवनिर्वाचित बोर्ड में रखा जाना चाहिए था, फिर आवश्यक स्वीकृति दी जाती। लेकिन पालिका प्रशासन ने नियमों की अनदेखी करते हुए मनमाने तरीके से टेंडर जारी कर दिए।
सभासदों ने की टेंडर निरस्त करने की मांग
नगर पालिका परिषद चंबा के सभी सभासदों ने इस पूरे मामले पर अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी को पत्र लिखकर टेंडर निरस्त करने की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की प्रक्रिया लोकतांत्रिक प्रणाली के खिलाफ है और निर्वाचित प्रतिनिधियों की अनदेखी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पारदर्शिता पर सवाल, क्या होगी कार्रवाई?
यह मामला सामने आने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि बिना बोर्ड बैठक के इतनी बड़ी धनराशि के टेंडर कैसे जारी हुए?
जनता और सभासद अब इस मुद्दे पर पालिका की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रहे हैं। देखना यह होगा कि क्या पालिका पारदर्शिता बरतते हुए टेंडर निरस्त करेगी या फिर यह मामला और तूल पकड़ेगा।