लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र बाल श्रम को लेकर चलेगा अभियान

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Team uklive


 18वी लोकसभा के चुनावों को देखते हुए बाल श्रम के खिलाफ अभियान सी.ए.सी.एल, आर.टी.ई फोरम एवं उत्तराखंड फोर्सेज ने संयुक्त रूप से बच्चों की शिक्षा, पोषण एवं बाल श्रम से सुरक्षा को लेकर एक सार्वजनिक घोषणा पत्र 2024 जारी किया है। पत्र को सभी राजनैतिक दलों, प्रत्याशियों एवं समुदायो के पास तक पहुँचाने के लिए अभियान संचालित किए जाने का निर्णय लिया गया है।


घोषणा पत्र में यह कहा गया है कि शिक्षा के अधिकार कानून जो कि मात्र 25.5 प्रतिशत विद्यालयों में ही लागू हो पाया है तथा वर्तमान में देश में 8.4 लाख शिक्षकों के पद पूर्णतः खाली है। साथ ही आर.टी.ई के अनुसार प्रत्येक 1 किमी पर प्राथमिक विद्यालय होने का कानूनी प्रावधान भी अभी तक लागू नहीं हुआ है इसलिए 2026 तक सभी स्कूलों को आर.टी.ई कानून के हिसाब से सभी मानको सहित पूर्ण रूप से लागू किया जाए। इसी तर्ज पर शिक्षा के अधिकार का दायरा 18 वर्ष तथा बाल श्रम को भी 18 वर्ष तक पूर्णरूप से प्रतिबंधित किए जाने की मांग उठायी गयी है।


सार्वजनिक घोषणा पत्र में बाल श्रम को रोकने के लिए राज्य में टास्क फोर्स को सक्रिय करने की मांग उठायी गयी एवं बाल श्रम से मुक्त कराये गए बच्चों के लिए बाल और कि किशोर श्रमिक पुनर्वास निधि के तहत संसाधनों का उचित कार्यान्वयन और वितरण किए जाने की बात कही गयी है। कोठारी कमीशन की संस्तुतियों के अनुसार शिक्षा का बजट सकल घरेलू उत्पाद का कम से कम 6 प्रतिशत किया जाए। जैसा कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ड्राप आउट बच्चों के बारे में चिंतित है उसी को देखते हुए ड्राप आउट बच्चों को विद्यालय में ले जाने के लिए केच एवं डे केयर सेंटर स्थापित किए जाए एवं प्रवासी मजदूरों के बच्चों के लिए प्रभावशाली व्यवस्थायें संचालित हो।


बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए पोषाहार संबंधी सभी कार्यक्रमों को विकेन्द्रीकृत व्यवस्था के रूप में संचालित कर स्तर पर जिम्मेदारी दी जाए और राज्य स्तर पर उसकी निगरानी निरंतर रूप से करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।


उत्तराखंड राज्य के जनप्रतिनिधयों को चुनाव पूर्व बच्चों के मुद्दे पर सजग करने के लिए बाल श्रम के खिलाफ अभियान सी. ए.सी.एल. आर.टी.ई फोरम एवं उत्तराखंड फोर्सेज ने संयुक्त रूप से आज दिनाँक 12 अप्रैल 2024 से एक संयुक्त अभियान की शुरुवात कर रहे है। लिए एक बारह सूत्रीय घोषणा पत्र भी जारी किया गया है।

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