शिक्षा और स्वास्थ्य

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कवि सोमवारी लाल सकलानी 



   चम्बा : एक सप्ताह पूर्व नगर क्षेत्र चंबा स्थित, वीसी गबर सिंह चिकित्सालय में परामर्श हेतु गया। डॉक्टर साहब ने कुछ जांच करवाने के लिए परामर्श दिया। उम्र के हिसाब से यह जरूरी भी है क्योंकि साठ के बाद शरीर पर अनेकों रोग आक्रमण करने लग जाते हैं।

     एक हफ्ते बाद जांच रिपोर्ट आयी। सब कुछ सामान्य है लेकिन डॉक्टर साहब ने बताया कि कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है और एक माह बाद फिर जांच के लिए परामर्श दिया। कोलेस्ट्रोल का बढ़ना शायद हार्ट प्रॉब्लम को बढ़ावा देने वाला होता है ! अचानक ध्यान में आया बरसों पहले इंटरमीडिएट के छात्रों को जे डी रेडक्लिफ द्वारा लिखित एक पाठ "आई एम जॉन्स हार्ट" वर्षों तक पढ़ाया था। बाद के दशकों में किताब बदल गई और कुछ उपयोगी चैप्टर्स किताब से हटा दिए गये थे और उनके स्थान पर नए चैप्टर्स पाठ्यक्रम में सम्मिलित हुए। मेरा अपना आकलन है कि वह पुरानी किताब ज्यादा व्यावहारिक थी बनस्पत  नई किताब के। पाठ्यक्रम पर ज्यादा चर्चा नहीं करूंगा बल्कि अपने बड़े हुए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने के लिए उस पढ़ाई गई पुस्तक के चैप्टर्स को रिकॉल करूंगा।

     बहुत ही से सरल अंग्रेजी भाषा में लेखक ने हार्ट के बारे में समझाया। बताया कि हार्ट का वजन, उसकी लंबाई -चौड़ाई, आकार -प्रकार, रंग- रूप, स्थिति, कार्यप्रणालीआदि कैसी होती है? व्यक्ति के लिए हृदय कितना महत्वपूर्ण है। यह कवियों का विषय नहीं है बल्कि जीवन का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। हृदय का वजन 340 ग्राम, लंबाई 15 सेंटीमीटर और चौड़ाई 10 सेंटीमीटर होती है। कत्थई रंग और नाशपाती के दाने के आकार का होता है। इसके 4 चेंबर होते हैं। दो चेंबर रक्त वाहिकाओं के द्वारा रक्त को शरीर में धकेलते हैं और दो चेंबर वापिस लाते हैं। जब  किनारे वाली धमनियां सिकुड़ जाती हैं तो उस समय हृदय रोग की समस्याएं उत्पन्न होती हैं क्यों कि हृदय रक्त से पोषित है।

    उन्होंने उल्लेख किया कि कुछ बातें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखती हैं।

1- सर्वप्रथम मोटापा नहीं बढ़ना बढ़ने देना चाहिए।

2- वसा युक्त भोजन से बचना चाहिए।

3- धूम्रपान हृदय के लिए अत्यंत हानिकारक है।

4- रोज हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूरी है। 

5- चिंता तथा तनाव से दूर रहना चाहिए।

6 ह्रदय के बारे में बार-बार सोचना भी हानिकारक है क्योंकि इसके कारण रक्तचाप बढ़ता है। यह भी हृदय रोग का कारण बन सकता है।

     रेडक्लिफ महोदय ने जितनी बातें ही उस पाठ में वर्णित की है और जो मैंने यथा समय बच्चों को शेयर की, पढ़ायी, एक -एक शब्द जीवित हो गया। वही बातें डॉक्टर साहिबा ने मुझे परामर्श के रूप में बतायी। 

   दोहरा लाभ मिल गया। डॉक्टर की बताई हुई बातें, ईश्वर की बताई हुई बातों के समान होती है। इसीलिए हम डॉक्टर को दूसरा भगवान कहते हैं और परम सौभाग्य रहा कि मैं शिक्षक रहा।

    शिक्षा और स्वास्थ्य जीवन के दो ऐसे पहलू हैं मेरा मानना है कि वे सर्वोपरि और सर्वोपयोगी हैं।

    शिक्षा संस्कार देती है। विद्या, ज्ञान, कौशल और नवाचार के लिए आधार तैयार करती है और स्वास्थ्य जीवन के लिए सर्वोपरि है क्योंकि एक अस्वस्थ राजा से एक स्वस्थ्य भिकारी ज्यादा अच्छा है।

    वर्तमान समय में हम शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं। हमें अपनी परंपरागत शिक्षा और चिकित्सकीय पद्धति को नए कलेवर में संजोना है और आधुनिक उपलब्धियों के साथ उसे जोड़ कर सैद्धांतिक और व्यावहारिक रूप में जीवन में प्रयोग करना है। इन्हीं बातों से हम एक सुखमय और सुंदर संसार की परिकल्पना कर सकते हैं तथा निरोग जीवन जी सकते हैं।

     फिलहाल डॉक्टर साहब के परामर्श के अनुसार साथ ही अर्जित ज्ञान के मुताबिक, मैं अनुसरण कर रहा हूं।  एक ही हफ्ते में लगता है कि काफी परिवर्तन आ रहा है। विश्वास है कि जब दोबारा चेकअप करवाया जाएगा तो बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल अनुकूल स्थिति में आ जाएगा और गर्व से कहूंगा, "हेल्थ इज वेल्थ"।

   ( कवि कुटीर)


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