रिखणीखाल प्रखंड के गाँव रजबौ मल्ला में वृद्ध अपने जीवन का शेष समय ऐसा व्यतीत करते आ रहे हैं

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रिखणीखाल : जनपद गढ़वाल के 2000 मीटर ऊंचाई पर बसा गाँव रजबौ मल्ला,जहाँ वृद्ध लोग अपना जीवन का या कहें अपने सेवा समाप्ति के बाद का समय समूह में अपना मनोरंजन ताश के पत्ते खेलकर बिता रहे हैं।ये लोग रोज अपना समय दो तीन घंटे ताश खेलकर तथा आपस में गपशप लगाकर करते हैं।इनके लोग मनोरंजन का और कोई भी साधन न होने के कारण एक समूह में बैठकर दिनचर्या पूरा करते हैं।


इनके पास गाँव में मनोरंजन व समय काटने के कोई संसाधन जैसे समाचार पत्र,पत्रिका,मैग्जीन या अन्य कोई खेल सामाग्री उपलब्ध नहीं रहता है।इस गाँव में बेरोजगारी,स्कूली शिक्षा,स्वास्थ्य सम्बन्धी आदि साधन न होने के कारण अधिकांश लोग पलायन का शिकार हो चुके हैं।ये वृद्ध हैं श्री सिताब सिंह गुसाई उम्र 92 , गबर सिंह गुसाई उम्र 72, प्रेम सिंह गुसाई 68 और भारत सिंह नेगी उम्र 61 वर्ष।जब  गाँव का भ्रमण किया गया तो गाँव में एक भी बच्चा नजर आया,जब इनसे पूछा गया कि गाँव में कोई भी बालक,बालिका व नव युवतियां नहीं दिखाई दे रही हैं तो जवाब मिला कि सब दिल्ली,देहरादून,कोटद्वार,रामनगर आदि पलायन कर वहीं बच्चों को शिक्षा ग्रहण करवा रहे हैं।जब गाँव में गिनती की गई तो बीस से पच्चीस लोग ही नजर में दिखाई दिए।बच्चों के लिए स्कूल भी तीन किलोमीटर दूर व जंगल का रास्ता तय करके जाना पड़ता है।अब रही सड़क की बात,वह अभी कार्य गतिशील है  ह भी तब जब 70% लोग पलायन कर चुके हैं।प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भी सात आठ किलोमीटर दूर तथा डाक्टर व संसाधन विहीन है।संचार नेटवर्किंग सामान्य है।गाँव के लिए छोटा सा बाजार कोटडीसैण है जो सात किलोमीटर दूर है।अभी तक राशन ,खाद्यान्न आदि घोड़े,खच्चर से आपूर्ति होती है।आवोहवा की दृष्टिकोण से बढिया जगह पर गाँव बसा है।अब अधिकांश लोग राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्ड से होने वाले राशन पर ही निर्भर है।


 प्रभुपाल सिंह रावत

सामाजिक कार्यकर्ता,रिखणीखाल

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