रिपोर्ट : ज्योति डोभाल
नई टिहरी। विधायक किशोर उपाध्याय ने लोक निर्माण विभाग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने वन विभाग और लोनिवि को आपसी सामंजस्य बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए है। कहा कि वन विभाग वन अधिनियम 1980 के अनुसार उत्तराखंड के नागरिकों के हक-हकूक बहाल करे। प्रदेश का 70 प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित है। बावजूद इसके वन विभाग लोगों की सड़क, पानी की लाइन, मार्ग, ट्रेकिंग रूट आदि निर्माण कार्यों में अडंगा लगा देता है। कहा कि उत्तराखंड को फारेस्ट ज्वैलर्स के रूप में सभी रियायतें दे।
बुधवार को विकास भवन में आयोजित सड़कों की समीक्षा करते हुए विधायक उपाध्याय ने कहा कि 14 सड़कें विधानसभा क्षेत्र की वन भूमि प्रकरण के कारण लंबित हैं। लोनिवि के एसई एनपी सिंह ने कहा कि वन भूमि प्रकरणों को सरलीकृत किया जाए तो सड़कें जल्दी बनेंगी। विधायक ने डीएफओ वीके सिंह को निर्देश दिए कि बटखेम, कफलना, भोनाबागी के लिए 500 से 1000 मीटर की लंबाई वाली सड़कों का सरल तरीके से निर्माण कराए। कहा कि वनाधिकार को लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाएंगे। जब पूर्वोत्तर और आदिवासी बाहुल्य राज्यों को इसका लाभ मिलता है तो उत्तराखंड को क्यों नही। लोनिवि के एसई ने बताया कि विस क्षेत्र में 332 किमी पक्की सड़कें हैं, जबकि 213 कमी कच्चे मार्ग भी हैं। 56 सड़कों के प्रथम चरण के आगणन शासन को भेजे हैं, 8 सड़कें द्वितीय चरण और 7 सड़कें पुनर्निर्माण की डीपीआर शासन में लंबित हैं। विधायक ने सनगांव-काणाताल मोटर मार्ग, डाबरी-जौलंगी, तल्ला चंबा मोटर मार्ग के प्रकरणों को निस्तारित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष विनोद रतूड़ी, जाखणीधार ब्लॉक प्रमुख सुनीता देवी, चंबा प्रमुख शिवानी बिष्ट, जिला पंचायत सदस्य विनोद बिष्ट, नगर पालिकाध्यक्ष चंबा सुमना रमोला, पीडी डीआरडीए प्रकाश रावत, पूर्व प्रमुख खेम सिंह चौहान, जगदंबा प्रसाद रतूड़ी, जीतराम भट्ट, मंडल अध्यक्ष विजय कठैत, उदय रावत, जेष्ठ प्रमुख आशाराम थपलियाल, सोहनवीर सजवाण, पंकज बरवाण, नरेश बलोदी, प्रदीप भट्ट, भगवती रतूड़ी, विक्रम तोपवाल, जगदीश पालीवाल, लोनिवि के ईई डीएम गुप्ता, पीएस नेगी आदि उपस्थित थे।