गौ माता ने लिया मोम का रूप

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Team uklive




पौड़ी:काऴी,ग्वेरी,धौऴी,बुरंसी,सुंवरी,रौड़ी,ट्वीरि,भूरी,डौऴि,झुम्पा, कैरि,बीन्दू,ग्युंवऴि आदि नामों से सम्बोधित की जाने वाली जमानों की गाय अब वचन,अमूल मदर डेयरी,आनन्दा के पैक्ड प्लास्टिक के रूप में बच्चों, बूढ़ों ,हर पर्व,सुख दुःख आदि में अपनी भूमिका निभा रही है। गौमाता प्लास्टिक माता धारित हो रही है वहीं गायदान, मोक्षदान, में फूल या खुणजा से फार्मैलिटी की जा रही है। इससे बड़ा दुर्भाग्य इन्सान का क्या हो सकता है। अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारकर खेत बंजर किये फ्री की राशन खाकर अब घर के रहेंगे ना घाट के? मतलब दुभाषिए में जीवन.. रह भी ना सको और सह भी ना सको?? अपनी मूल जीवनशैली को तो छोड़ आदमी ने परिवर्तन करना चाहा लेकिन भाग निकाला लब्धि में बड़ा शून्य!!घर गांव में सब शिक्षित और आत्मनिर्भर जागरूक हो गये हैं।अब पुराने कपड़ों के ढेर अगल बगल के गुज्यरौं में देखे जा सकते हैं परन्तु खेतों में जिलगण्ड के रूप में नहीं?  

मैं अपनी ही बात करूं पैंट खेल खेल कर पीछे फट जाती तो दो छेद दिखाई देते साथ के मजाक उड़ाया करते जिसमें दरजी से थ्यकऴी लगवा लेते।की ई साल तक एक जोड़ी कपड़े चल जाते। परिवार में एक दूसरे भाई के कपड़ों से भी काम चलता परंतु सादगी की पराकाष्ठा अपनी शालीनता , विनम्रता अदब को धारण किये रही, रूमाल। किसे कमीज के बौंऴौं पर सींप का लेप जब सूखने लगे तो उसका लुणण्यपन भी खासा याद है।।आज का उद्दंडी परिवेश चकाचौंध फूहड़ता ,बेअदब पीढ़ियों का पाखण्ड झकझोर कर रख देता है। जहां नैतिकता का अधनंगापन मानवीय संवेदनाओं को धूमिल कर शर्मसार कर रहा वहीं आत्मा का खात्मा दृष्टिगोचर हो रहा है ,शर्म से खीझकर उसूलवादी कह उठता कि इससे तो मर जाना ही बेहतर है।।

   चलो खैर बहुत हुआ अब तो न गाय रही न दूध,न खेत रहे न राशन व राशनकार्ड, खतौनी भी कुछ साल में सरकार की हो जायेगी, क्यों कि जब सरकार ने खेती करने जमीं दी वो भी छोड़ी तो जायेगी।। हां आपके पास रह गया आपका पैर उचकाकर दिखावे का बड़प्पन,अहम, ईर्ष्या, द्वेषपूर्ण व्यवहार..!! उसे चाटते रहो प्यास लगे तो प्लास्टिक का पैक्ड पानी बीस रुपए देकर पियो?? !! अब जियो मेरे लाल जी भर के !!


कुछ परिदृश्यों से आहत होकर...

डॉ. अम्बिका प्रसाद ध्यानी,ख्यूणीख्यात..चैंडांग से ..तैड़िया रिखणीखाल!!

 डाॅ अम्बिका प्रसाद ध्यानी पेशे से राजकीय प्राथमिक विद्यालय कोटडी,रिखणीखाल में सहायक अध्यापक है।उनकी पत्नी  विनीता ध्यानी क्षेत्र पंचायत सदस्या,कर्तिया हैं।ये बीहड ,पिछडे क्षेत्र के है।

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