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टिहरी : समाज कल्याण बिभाग कर्मचारीयों की कमी से जूझ रहा है जिस कारण जनता के कार्य समय पर नहीं हो पा रहे हैं.
समाज कल्याण अधिकारी किशन सिंह चौहान ने बताया कि वर्तमान समय में जनपद में समाज कल्याण विभाग की योजनाओं के संचालन हेतु मात्र
एक मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, दो प्रधान सहायक एक कनिष्ठ सहायक, चार सहायक समाज कल्याण अधिकारी एवं एक कम्प्यूटर आपरेटर कार्यरत है, जो कि योजनाओं के अनुरूप अत्याधिक कम है, जिसके कारण कार्यालय/विकासखण्ड स्तर पर कार्यरत समरत कार्मिकों के ऊपर अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी है. जिसको समय पर पूर्ण कर पाना सम्भव नहीं हो पा रहा है। इसके अतिरिक्त एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं एक सेल्स मैन/ कनिष्ठ सहायक (संविदा कर्मी) अन्य जनपदों में सम्बन्ध है, जिसके कारण जनपद में कार्यरत कर्मचारियों को अतिरिक्त कार्य का बोझ झेलना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि हमारे द्वारा 05 सूत्रीय मांगे निदेशक समाज कल्याण को प्रेषित की गई हैं जिनमे समाज कल्याण विभाग में योजनाओं के अनुरूप नये स्तर से विभागीय पुर्नगठन होना जरूरी है, जिसमें प्रत्येक अधिकारी, एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एक - एक मुख्य प्रशासनिक अधिकारी एवं दो अपर जिला समाज कल्याण अधिकारी के पदों का सृजन करवाया जाना आवश्यक है। साथ ही विकासखण्ड स्तर तक कनिष्ठ सहायक / कम्प्यूटर आपरेटरों पदों का सृजन किया जाना नितान्त आवश्यक है। ताकि विभागीय कार्यों का क्रियान्वयन जनपदस्तर पर सही ढंग से किया जा सके ।
दूसरा विभाग द्वारा प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना एवं एस०सी०पी० योजना संचालित की जा रही है जो कि निर्माण कार्य से सम्बन्धित है, परन्तु जनपद कार्यालय में इस हेतु कोई भी तकनीकी कर्मचारी तैनात नहीं है जिसके कारण योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से नहीं हो पा रहा है। एवं जिस उद्देश्य से उक्त योजनाओं का संचालन होना चाहिए वह उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है । अत उक्त योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु जनपद स्तर पर पृथक से कर्मचारियों का एक सेल बनाया जाना चाहिए जिसमें कम से कम एक जूनियर इंजिनियर व एक कम्प्यूटर आपरेटर आउटसोर्स के माध्यम से किया जाय ।
वर्तमान समय में यह कार्य मिनिस्ट्रियल संवर्ग के कार्मिकों एवं सहायक समाज कल्याण अधिकारियों द्वारा निष्पादित किया जा रहा है जिनको निर्माण कार्य से सम्बन्धित किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं है। इससे भविष्य में उक्त योजनाओं में किसी भी प्रकार की अनियमितता होने की प्रभल सम्भावनाएं हैं।
वहीं विभाग द्वारा अनु0जाति, पिछड़ी जाति, अल्पसंख्यक जाति, जनजाति एवं दिव्यांग से सम्बन्धित समस्त प्रकार की छात्रवृत्ति योजनाओं का संचालन किया जा रहा है, जिसमें गरीब अनु0जाति, पिछड़ी जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक जाति एवं दिव्यांग के छात्र-छात्राओं को प्रत्येक वर्ष समाज कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने का प्राविधान है.
जनपद में समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत पहले से ही कर्मचारियों/ अधिकारियों की कमी है, जिसके कारण छात्रवृत्ति योजनाओं का कियान्वयन किया जाना दिन प्रतिदिन कठिन हो रहा है। जबकि दूसरी तरफ छात्रवृत्ति योजना सीधे शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग से सम्बन्धित योजना है, जिसका कियान्वयन उन्ही विभागों से किया जाना उचित होगा, क्योंकि शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग में विद्यालय स्तर तक मिनिस्ट्रियल कर्मचारी एवं कंप्यूटर आपरेटर तैनात है वहीं दूसरी ओर समाज कल्याण विभाग में जनपद स्तर पर कर्मचारियों की अत्यधिक कमी के चलते अब छात्रवृति योजना का कियान्वयन किया जाना सम्भव नहीं हो पा रहा है.
साथ ही जनपद में समाज कल्याण विभाग के अन्तर्गत आने वाले कर्मचारियों द्वारा विभागीय कार्यों के साथ-साथ जनजाति विभाग एवं अल्पसंख्यक विभाग से सम्बन्धित कार्यों का सम्पादन भी किया जा रहा है, जबकि दोनो विभाग के अपने-अपने पृथक निदेशालय है, उक्त विभागों के कार्यों हेतु कर्मचारियों को कोई अतिरिक्त भत्ता नहीं मिलता है न ही सम्बन्धित विभाग द्वारा इस हेतु पृथक से अपने कर्मचारी तैनात किये जा रहे हैं, जो कि उचित नहीं है।
विभाग द्वारा समस्त गरीबों एवं असहाय व्यक्तियों हेतु विभिन्न योजनाऐं संचालित की जा रही है, परन्तु विकासखण्ड स्तर पर विभाग का ढांचा पर्याप्त न होने के कारण, योजनाओं का लाभ समय से पात्र लाभार्थियों को नहीं मिल पा रहा है, जबकि अन्य विभाग जैसे, ग्राम्य विकास विभाग, शिक्षा विभाग, राजस्व विभाग, बाल विकास विभाग में विकासखण्ड स्तर तक योजनाओं के अनुरूप पर्याप्त कर्मचारियों की तैनाती की गई है, जिसके कारण इन विभागों में योजनाओं के संचालन में दिक्कत नहीं आती है, जबकि समाज कल्याण विभाग में विकासखण्ड स्तर पर मात्र एक सहायक समाज कल्याण अधिकारी का पद सृजत है, जिसके ऊपर विकासखंड स्तर पर विभाग की समस्त योजनाओं के संचालन की जिम्मेदारी होती है, जो कि पर्याप्त नहीं है।
ऐसे में प्रत्येक विकासखण्ड में कम से कम 01 कम्प्यूटर आपरेटर एवं 01 कनिष्ठ सहायक होना जरूरी है.
जिससे कि समय पर लाभार्थियों को योजनाओं का लाभ दिया जा सके व योजनाओं की मानीटरिंग एवं "सत्यापन सम्बन्धित महत्वपूर्ण कार्य सही ढंग से हो सके । ताकि कर्मचारियों को भी अन्यथा का दबाव न झेलना पडे ।
समाज कल्याण अधिकारी ने कहा कि हमारे द्वारा निदेशक को पांच मांगे भेजी गई है जिनका निराकरण होना जरुरी है यदि इन समस्याओ पर विचार कर इसका निराकरण नही किया जाता है तो जनता को होने वाली समस्याओ का जिम्मेदार कर्मचारी नहीं होंगे.
ऐसे मे सवाल यह खड़ा होता है कि शासन मे बैठे सरकार के नुमाइंदे कर्मचारी, अधिकारीयों का शोषण ऐसे ही करते रहेंगे या बिभागीय भर्तियां भी की जाएंगी ये देखने लायक बात होगी.