Team uklive
उत्तराखंड के युवा सरकारी नौकरी की बाट जोतते - जोतते थक गए हैं परन्तु सरकार के कान पर जूं तक नही रेंग रही है.
आलम यह है कि नौकरी की प्रतीक्षा मे युवाओं की उम्र ढलने लगी है परन्तु सरकारी नौकरी दूर - दूर तक कहीं नजर नही आ रही है.
बात करें एल टी भर्ती परीक्षा की तो
2016 के बाद 2020 में आई भर्ती जिसको आयोग ने एक साल खींच दिया है परिणाम जारी करने में
वहीं यूपी टीजीटी पीजीटी की परीक्षाएं भी उतराखंड एलटी के समय पर आयोजित की गई जिनका परिणाम एक माह के भीतर जारी कर दिया गया जबकी यूपी में परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों की संख्या उतराखंड एलटी के अभ्यर्थियो से उन्नीस गुना ज्यादा थी.
युवा लगातार तीन चार साल से बाहर रहकर कमरो से लेकर कोचिंग का किराया भरते रहे और हाल कुछ यूं है कि पांच साल में एक भर्ती पूरी हो पाना मुश्किल लग रहा ...
शायद यदि आयोग परिणाम जल्द से जल्द जारी कर दे तो कुछ अभ्यर्थियों के शिक्षक बनने के सपने साकार होने के साथ ही आगे नई भर्ती के लिए रास्ते खुल जाएं जिससे पुराने लोगो के साथ साथ नए लोगो को भी शिक्षक भर्ती में आवेदन करने का मौका जल्द से जल्द और कम समय अंतराल में मिल जाए
अभ्यर्थी लगातार नियमित रुप से एलटी परिणाम की आश में आयोग का रूख कर रहे हैं और आयोग द्वारा हमेशा ही अभ्यर्थियो को रिजल्ट को लेकर कुछ भी बहाने बनाकर टाल दिया जाता है
जिससे अभ्यर्थी काफी निराश व हताश हैं
दिसम्बर से राज्य में चुनावी आचार संहिता भी प्रस्तावित है अगर परिणाम नवम्बर पंद्रह तारिख तक जारी नही हुआ तो अभ्यर्थियों को एक लम्बा इंतजार करना पड सकता है।
जिससे अभ्यर्थी काफी आक्रोशित है और उनका कहना है कि अगर 15 नवंबर तक किसी भी हाल में रिजल्ट जारी नही हुआ तो वे आयोग व सचिवालय के बाहर क्रमिक धरना और भूख हड़ताल करेंगे जिसकी जिम्मेदार आयोग और राज्य सरकार होगी।

