रिपोर्ट : सत्यप्रकाश ढौंढियाल
घनसाली : लोक जीवन विकास भारती बूढ़ा केदारनाथ में स्वर्गीय बिहारी लाल शिक्षाविद एवं प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता का 80 वें जन्मदिवस पर क्षेत्रीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की.
बिहारी लाल उत्तराखंड टिहरी गढ़वाल के प्रख्यात सामाजिक एवं पर्यावरण कार्यकर्ता थे उनके द्वारा क्षेत्र में सामाजिक समरसता के लिए सर्वोदय विकास की पहल को लेकर के गांधीजी के ग्राम स्वराज्य विनोबा भावे के सपनों एवं जयप्रकाश नारायण की विचारधारा कार्यशैली के साथ ही लोक जीवन विकास भारती संस्था की स्थापना कर क्षेत्र में सामाजिक समरसता के साथ शैक्षिक ,सांस्कृतिक ,पर्यावरणीय उन्नयन के लिए विगत कई वर्षों से निरंतर कार्य किया है साथ ही उनका विचार था कि वह लोक जीवन विकास भारती बुढा केदारनाथ में कृषि महाविद्यालय स्थापित करने का विचार व परिकल्पना थी किंतु व्यस्ततम सामाजिक जीवन में उन्होंने अपने निजी जीवन की कल्पनाएं और सोच विचार को समाज के लिए दरकिनार कर दिया ।
इसी संदर्भ में बूढ़ाकेदार में स्व. बिहारी लाल नगवान के द्वारा स्थापित संस्था लोक जीवन विकास भारती बूढ़ाकेदार में स्व. बिहारी लाल का 80वां जन्मदिन मनाया गया, उनके जन्मदिन पर संस्था में उनके सुपुत्र जय शंकर नगवान के द्वारा उनके स्मारक का अनावरण किया गया और इस स्मारक अनावरण पर उनके पूरे परिवार ने पूजा अर्चना की जिसके बाद क्षेत्र से विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं, राजनैतिक, व सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने भाग लेकर बिहारी लाल को याद किया और उनके द्वारा किये गये कार्य की सराहना की गई, जिसके लिए एक छोटा सा कार्यक्रम किया गया.
सर्वप्रथम कार्यक्रम का शुभारंभ संस्था के सर्वधर्म की प्रार्थना से हुआ,
स्मारक पूजन कार्यक्रम में मंच संचालन अव्वल छनवान ने किया.
जय शंकर नगवान ने संस्था का संक्षिप्त परिचय देते हुये बिहारी लाल के कार्यों पर संक्षेप में व्याख्यान किया |
सामाजिक संगठन से जुड़े शम्भू शरण रतुड़ी ने कहा कि बिहारी लाल के द्वारा जो कार्य किया गया वह अद्भुत कार्य है, उन्होंने अपने काम को वरीयता दी है, उन्होंने कभी भी नाम के लिए काम नहीं किया है, उन्होंने निस्वार्थ भाव से बिना प्रचार प्रसार किये ही कार्य किया है इसके बिहारी लाल को भारत रत्न अवॉर्ड से सम्मानित किया जाना चाहिए|
सर्व सेवा संघ के अध्यक्ष इस्लाम हुसैन ने उनके द्वारा बनाये गये पावर हाउस के बारे में चर्चा की और इनके इस अद्भुत कार्य के बारे में कई बातें की, और कहा कि मुझे यहाँ बहुत पहले आ जाना चाहिए था परन्तु किसी कारणवश नहीं आ पाया.हमारी अधिकतर मुलाकात बाहर ही होती थी, लेकिन वे जब भी मिलते तो सिर्फ काम की बातें करते|
वहीं केशर सिंह रावत और आर. बी. सिंह जी ने कहा कि हमने राज्य को नशामुक्त करने का जो बीड़ा उठाया है वह इनकी ही प्रेरणा है और आज हम उनके इस मार्गदर्शन का अनुसरण कर रहें है, रावत और आर. बी. सिंह ने शपथ ली है कि हम इस राज्य को नशामुक्त करके ही रहेंगे,
संस्था के वर्तमान अध्यक्ष बैशाखी लाल ने बिहारी लाल के साथ बिताये जीवन को साझा किया उनके साथ रहकर कौन कौन से काम किया उसका संक्षेप में वृतांत सुनाया |
अवतार सिंह राणा ने कहा कि इस काम के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया और इस संस्था की जो संरचना तैयार की है उसे आगे बढाने की शुभकामनाएं जय शंकर को दी है, संस्था में चल रहे कार्य की राणा ने प्रशंसा की.
भुपेन्द्र सिंह नेगी ने कहा है कि बिहारी भाई संस्था के संस्थापक ही नहीं मेरे बड़े भाई समान थे, मुझे जब भी क्षेत्र संबंधित काम होता तो मैं भाई जी के पास बेजिझक आता और उनसे अपना काम करवाता और उनसे सीखता,
अन्जू छनवान के द्वारा बिहारी लाल पर स्वरचित गीत गाया गया,
नौटियाल और अनिता शर्मा बिहारी लाल को श्रद्धांजलि अर्पित करते उनके द्वारा किये गये काम की सराहना किया और उनके इस कार्य को आगे बढ़ाने को कहा,
अंत में सभा में साहब सिंह सजवाण ने बिहारी लाल के द्वारा किये कार्य को तथा समाज में जो राजनीतिक दलों के द्वारा देवभूमि में जो शराब की भट्टियां खुल रही है उसको कैसे बंद करवाना है, उन्होंने कहा कि बिहारी लाल का सपना था कि देवभूमि नशामुक्त रहे इसके लिए उन्होंने कई आन्दोलन किये और करवाये है और अन्य विषयों पर चर्चा करते हुए सभा का समापन किया
इस स्मारक पूजा में इस्लाम हुसैन, रीता, सुमन, कैलाशी देवी, अमिता निवाल, पूर्व विधायक बलवीर सिंह नेगी, शम्भू शरण रतुड़ी, साहब सिंह सजवाण, बैशाखी लाल, अवतार सिंह राणा, किशोरी लाल नगवान, दयाराम नगवान, दर्शन लाल शाह, धीरेन्द्र नौटियाल, वीर सिंह, केशर सिंह रावत, आर.बी.सिंह, महेन्द्र प्रसाद नाथ, जय शंकर नगवान, कृपा छनवाण, राम भरोषा निवाल, भरोषा लाल नगवान, नेत्र लाल, राजमोहन, कुलदीप सिंह, प्यारे लाल, दिनेश लाल, मन्जू सिंह, गीता देवी, मन्जू सेमवाल, अब्बली देवी, आरती, बीरेंद्र नगवान,
अनन्तानन्द, मनजीत नाथ, आदित्य, कनिष्ठ, अनिरुद्ध, चन्द्र मोहन भारती, व अन्य लोगों इस कार्यक्रम में भाग लिया |

