सफलता की राह पर चलता प्लांट ऑर्बिट

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Team uklive

टिहरी : छोटे छोटे प्रयासों से आरंभ हुआ सफर कब बड़ी बड़ी मंजिलों की ओर बढ़ जाता है इसका अंदाजा शायद उस कार्य को आरंभ करने वाले व्यक्ति को भी नहीं लगता, समय बीतने के साथ जब आरंभकर्ता कभी पीछे मुड़कर देखता है. तो उसे एक लंबी ढलान नजर आती है और वो आरंभिक बिंदु भी दिखाई देता है जहां से उसने शुरुआत की थी, इसके बाद जब वो आगे की ओर र मुख करता है तो पाता है कि एक और ऊंची चढ़ाई उसका इंतजार कर रही है जिस सफर अभी बांकी है और इस सफर का कोई अंत नहीं है, ये असीमित सफर सफलता की उस ऊंचाई तक है जहां से आगे कोई रास्ता ना हो लेकिन विडंबना देखिए वास्तव में इस रास्ते का कोई अंत नहीं। आप जितनी मंजिले पाते जायेंगे आपके सामने नई मंजिलें आती रहेगी, इस संसार का प्रत्येक मनुष्य इस सफर की शुरुआत तो करता है लेकिन जैसा कि आप सभी इस बात से भी भली भांति परिचित हैं कि जीवन उस संघर्ष का नाम है जिसका कोई अंत नहीं, अतः इस सफर में आगे वही बढ़ पाता है जो अपने अंदर जीतने की जिद्द और लड़ने की ताकत लेकर चलता है केवल लिखित सिद्धातों के भरोसे जीत संभव नहीं होती।

चाहे हम सिद्धांतों के हवाले से कितनी बड़ी बड़ी बातें क्यों ना कर लें परंतु वास्तविकता के धरातल पर कठिन संघर्ष

बाद थोड़ी सी सफलता मिलती है और ऐसे ही अगाध संघर्ष के बाद मिली छोटी छोटी सफलताओं का सम्मिश्रण ही अंततः मनुष्य की की जीत के लिए उत्तरदायी होता है। किसी भी संगठन की नींव का पत्थर गढ़ाना और उस पर पहली ईट रखना ही सबसे महत्वपूर्ण और संवेदनशील कार्य होता है इतिहास में हमें ऐसे कई उदहारण मिल जायेंगे जिन्होंने अपनी व्यक्तिगत प्रतिभा के बल पर एक ऐसे संगठन को केवल खड़ा ही नहीं किया बल्कि उसे क्रियान्वित भी किया, आज हम जिस संगठन की बात आपको बताने जा रहे हैं वो कोरोना काल में जब बड़े बड़े बुद्धिजीवी आत्मनिर्भर शब्द की परिभाषा खोजने में व्यस्त थे तब हल्द्वानी नैनीताल में रहने वाले 20 वर्षीय छात्र गगन त्रिपाठी जो वर्तमान में रानीचौरी में बीएससी कृषि के छात्र हैं ने अपने स्वजनों और मित्रों के सहयोग से आत्मनिर्भर शब्द की परिभाषा बनकर दिखाया और अपने बुद्धि और कौशल के बल पर प्लांट ऑर्बिट नाम की एक संस्था की नींव का पत्थर रखा, जिसमें समय के साथ ईटों की नई कतार जुड़ती जा रही है। अपनी वाकपटुता का उचित प्रयोग करके और अपने तकनीकी ज्ञान को वास्तविकता के धरातल पर उतारकर उन्होंने जो शुरुआती मुकाम हासिल किया


 वो वर्तमान समय में असमंजस से घिरे अनेक व्यक्तियों के लिए प्रेरणा का एक प्रकाशमान स्रोत हो सकता है। बेहद कम उम्र में सकारात्मक सोच और ईमानदारी के साथ आगे बड़ने का जज्बा मनुष्य को निश्चित ही ऊंचे मुकाम की ओर अग्रसर करता है, प्लांट ऑर्बिट के माध्यम से गगन त्रिपाठी देश के विभिन्न हिस्सों में पौधों की ऑनलाइन डिलीवरी का कार्य बेहद ही कम मूल्य में करते हैं, उनका यह प्रयास उपभोक्ताओं के दवारा भी काफी सराहा जा रहा है,

और यह वैज्ञानिक तौर पर भी प्रमाणित है कि पेड़ पौधों तथा हरे भरे वातावरण से मानव मस्तिष्क में सकारात्मकता ऊर्जा का संचार होता है व नकारात्मकता दूर होती है और निश्चित तौर पर कार्य उत्पादकता भी बढ़ती है। जिस प्रकार गगन ने आपदा में अवसर को देखा और उसे अपनी दूरदर्शिता से उचित मार्ग प्रशस्त किया उसी प्रकार अन्य युवा भी अपने मार्ग में आने वाली चुनौतियों से लड़कर अपना वर्तमान उज्ज्वलता से भर सकते हैं।

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