कवि:सोमवारी लाल सकलानी, निशांत।
जब नेता वोट मांगने आयेंगे,
हम भी उन्हें रास्ता दिखलायें।
दूर दराज के गांवों के ही नहीं,
चंबा क्षेत्र से सटे मार्ग दिखायें।
राजशाही के जमाने का मार्ग,
मौजूदा वक्त मौत का मार्ग है।
तल्ला चंबा से सुमन कालोनी,
जोड़ने वाला यह राजमार्ग है !
स्यूटा-मंजूड़ ग्राम वासियों का,
यह आम -रास्ता इतिहास है।
अनुसूचित जाति बहुत क्षेत्र का,
फिर यह क्यों?ऐसा उपहास है।
बीस वर्षों से श्री उदय आर्य जी,
निवेदन करते -करते थक चुके ।
सड़क के अभाव में घर छोड़ कर,
इस बुढापे में देहरादून बस गये।
क्या हर एक देहरा जाकर बसेगा !
चुनाव नजदीक है माननीय नेताओं,
जब आप लाव लश्कर लेकर आयें,
तो हम जनता हैं-रास्ता दिखलायेंगे।
(कवि कुटीर)
सुमन कालोनी चंबा, टिहरी गढ़वाल।

