Team uklive
पोखरी क्वीली: देवभूमि के नाम से विश्व भर में विख्यात उत्तराखंड अपने खास रीति-रिवाजों के लिए जाना जाता है।
हालांकि बदलते वक्त और परिस्थितियों के चलते पहाड़ की पौराणिक परंपराएं दम तोड़ती जा रही हैं, मगर आज भी कई क्षेत्र और गांव ऐसे हैं जो आज भी अपनी पौराणिक परंपराओं को जिंदा रखे हुए हैं।
अपनी उन्हीं पौराणिक परंपराओं को आज भी जिंदा रखे हुए है विकासखंड नरेंद्र नगर की पट्टी क्वीली का बमण गांव।
बमण गांव में हर तीन साल के बाद अपने कुल/ईष्ट देवी-देवताओं का स्मरण व आह्वान करते हुए ढोल-दमाऊं की थाप पर एक विशेष तरह का नौरता-मडाण लगाया जाता है। जिसमें गांव के ही नहीं क्षेत्र के लोग बड़े चढ़कर हिस्सा लेते हैं।
पंडों के नाम से विख्यात नौरता-मंडाण के आयोजन के लिए पंडित मनोहरी लाल की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में नौरता-मंडाण संरक्षण मंडल तथा संचालन समिति का गठन किया गया।
संरक्षण समिति में पीतांबर दत्त बिजल्वाण,मूर्ति सिंह रावत,भक्ति प्रसाद बिजल्वाण,दर्शन लाल बिजल्वाण आदि को सर्वसम्मति से चयन किए जाने के साथ इनके दिशा निर्देशन में विशेष पहाड़ी राज्य उत्तराखंड मे पौराणिक परम्पराओ और रीति रिवाजो को बचाने के लिये कई क्षेत्रों से सामाजिक कार्यकर्ता प्रयासरत है वही गढवाल के 52 गढ़ो मे से प्रसिद्ध क्वीली गढ़ के समीप प्राचीन गाव बमण गाव जो की राजशाही के समय से ही काफी प्रसिद्ध प्राप्त गाव मे से एक जिसे राजशाही के दौरान कुली-बेगार प्रथा से अलग रखा गया था क्योंकि यहा राज रसोया सरोला जाति के बिजल्वाणो का मूल गाव था जिनका राजशाही परिवार बहुत सम्मान करता था इस पौराणिक प्रसिद्ध गाँव मे 600 सालो से यह पौराणिक परम्परा
(पण्डो के नोरत्ता पण्डो मान्डाण)अपने पौराणिक रीति रिवाजो के साथ चली आ रही है, जो हर तीन साल के पुरे होने पर नोरत्ता पण्डो मंडाण आयोजित किये जाते है आज पण्डित मनोहरी लाल बिजल्वाण की अध्यक्षता मे एक बैठक आयोजित की गयी जिसमे पण्डो मंडाण के आयोजन हेतू संरक्षण मण्डल, और संचालन समिति का गठन किया गया। जिसमे पिताम्बर दत्त बिजल्वाण,मूर्ती सिह रावत, भक्ति प्रसाद बिजल्वाण, दर्शन लाल बिजल्वाण, आदी के दिशानिर्देश में संचालन समिती गठित की गयी। जिसके अध्यक्ष ईश्वरी प्रसाद बिजल्वाण ( पूर्ब जेष्ठ प्रमुख नरेन्द्र नगर) व कोषाध्यक्ष बुद्धि सिह रावत ( पूर्व जनसंपर्क अधिकारी मुख्यमंत्री उत्तराखंड) एव दिनेश बिजल्वाण प्रधान बमण गाँव को सचिव का दायित्व दिया गया है।
समापन दिवस की ब्यवस्था लोक गायक विनोद बिजल्वाण की रहेगी।
दिनेश बिजल्वाण ने बताया कि पौराणिक परम्परा मे सम्मिलित गाँव बमण गाव, थन्यूल, खुनकिधार,अन्दर्फिगाव,भटोली,ददेली,कंडारी गाव,पलोगी,पोखरी,बमण खोला,मणगाव,सॉटियाल गाँव के पौराणिक समय से सम्मिलित हो रहे परिवार मूख्य पूजा मे सम्मिलित होगें व कार्यक्रम में अपना सहयोग पूर्व की भांति देते रहेगे .
बताया कि कार्यक्रम मे यज्ञ का शुभारंभ 14 नवम्बर 2021, यज्ञ का पंचम दिवश 18 नवम्बर 202, (ध्वज, कुन्ती माता, पन्ड़ो का आवाह्न), यज्ञ का अष्टम दिवश 21 नवम्बर 2021, (तीर्थ स्नान हेतू निशानों के साथ प्रस्थान)यज्ञ की पूर्नाहूती 22 नवम्बर 2021 को होगी।

