रिपोर्ट : वीरेंद्र नेगी
उत्तरकाशी : रामचंद्र उनियाल राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पुरीखेत परिसर में गंगा विश्व धरोहर घोषित हो विषय पर संकल्प व संगोष्ठी आयोजित हुई जिसमें कार्यक्रम के संयोजक डाॅ. शम्भू प्रसाद नौटियाल ने कहा कि भारतीय जनमानस एक तरफ तो गंगा से मुक्ति के लिए आशावान है. वहाँ दूसरी और इसके संसाधनों का दुरूपयोग करने से भी नहीं चूकता।
जबकि देश की लगभग 43 प्रतिशत जनसंख्या आजीविका या अन्य प्रकार से गंगा नदी पर प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप लाभान्वित होती है। इसलिए लोगों को सचेत कर राष्ट्रीय नदी गंगा की सहायक जल धाराओं व जैव विविधता संरक्षण हेतु इस मिशन की शुरुआत की गई है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य मनीष राणा ने कहा कि गंगा में बहुत खूबियाँ है व गंगाजल का इतना महत्व है कि उसके बिना कोई संस्कार या त्यौहार ही नहीं किया जा सकता है। पूरे विश्व में गंगा की पवित्रता की बात की जाती है लेकिन हम गंगा की गोद में रहने वाले लोग भी इसको प्रदूषित करने में पीछे नहीं हैं क्योंकि आज भी कई जगहों पर गंगा जल में गंदगी उड़ेली जा रही है जिसे रोकना ही होगा व गंगा स्वच्छता के लिए सजग रहना होगा।
प्रभारी प्राचार्य व वनस्पति विज्ञान प्रभारी डाॅ. महेन्द्र पाल सिंह परमार ने कहा कि गंगा एक पूरा पारिस्थितिक तंत्र है व इसके पारिस्थितिकीय जीवन को सुधारने के लिए हम गंगा के दौनों क्षेत्र में वो पेड़ पौधे लगाने का काम तो कर ही सकते हैं जिनसे इसको प्राण मिलते हैं। परियोजना अधिकारी नमामि गंगा परियोजना उत्तरकाशी उत्तम पंवार ने कहा कि हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम उस जनपद के निवासी हैं जहाँ गंगा का उद्गम होता है। हमें गंगा की सहायक धाराओं को पुनर्जीवित कर गंगा में जल की प्रवाह क्षमता बढ़ाने हेतु धरातल पर प्रयास करने की आवश्यकता है तथा सभी के योगदान द्वारा एक उपलब्धि के लिए गंगा को विश्व धरोहर घोषित करने हेतु यूनिस्को से पेशकश कर गंगा की जैव विविधता को बचाया जा सकता है।
संकल्प संस्था की प्रमुख शान्ति परमार ने कहा कि गंगा स्वच्छ रखने के लिए हमें प्लास्टिकयुक्त कचरे को घर से ही पृथक कर इसे कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं को सौंपकर इसे रिसाइकल कर सकते हैं व सीवेज से भी खाद बनाने के लिए प्रयोग भी किये जा सकते हैं। इस अवसर पर भारत स्काउट गाइड के ब्लाक सचिव अरविंद पश्चिमी महा विद्यालय के अन्य प्राध्यापक व छात्र-छात्राओं ने विचार व्यक्त किये।

