Team uklive
रिखणीखाल : आपको बताते चलें कि राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र द्वारी की स्थापना वर्ष सन 1980 के इर्द-गिर्द हुई थी लेकिन तब से अभी तक ग्राम पंचायत द्वारी के पंचायत भवन में किरायेदार के रूप में चलता आ रहा है,और ग्राम पंचायत की आम सभा व अन्य कार्य खुले आसमान में या किसी के गौशाला या छप्पर के नीचे होता आया है।अब स्वास्थ्य सेवाओं की बात करें तो वे किसी से छिपी नहीं है,यह स्वास्थ्य केंद्र एक फार्मासिस्ट के भरोसे चल रहा है,मरीज भी चिकित्सक व दवाई के अभाव में आने में कतराते हैं तथा झोलाछाप बंगाली हकीम की ओर रुख कर रहे हैं।
आपको याद दिला दें कि विद्युतीकरण भी इस किराये के भवन में इसी साल हुआ है।ये किराये का भवन सन 1964 का बना हुआ है इस पंचायत भवन का स्वास्थ्य भी दिनों दिन गिरता जा रहा है।कभी भी कोई अनहोनी व अप्रिय घटना घट सकती है।ये मरम्मत व देखभाल ,चिकित्सक व कर्मचारी के अभाव में वीरान पडा रहता है।
अगर इस स्वास्थ्य केंद्र के लिए भवन ,चिकित्सक व कर्मचारी की नियुक्ति हो जाये तो इसके दिन लौट सकते हैं।इस स्वास्थ्य केंद्र पर ग्राम
द्वारी,नावेतली,नावेमली,टान्डियू,गवाणा,भंडूखाल,पासीखाल,हरपाल,सेरोगाढ,सिदधपुर,डला,क्वीराली,तोल्यो,सतगरिया ,रौदेणी,सकनेडी,सिलगाव,चिलाऊ,सौपखाल,बिशनगयाऊ,तोलियोडाडा,आमूगैर,महरकोट,इन्दिरा कॉलोनी आदि तीन दर्जनभर गाँव के लोग निर्भर हैं लेकिन कोई भवन व अन्य सुविधाओ की सुध लेने वाला नहीं है।
क्या स्वास्थ्य मंत्री धन सिह रावत इस ओर ध्यान देंगे?

