रिपोर्ट : ज्योति डोभाल
टिहरी : पहाड़ो की रानी मसूरी में 2 सितम्बर 1994 को उत्तराखंड आन्दोलन में अपने प्राणों की आहुति देने वाली विरांगना शहीद बेलमती चौहान धर्म पत्नी धर्म सिह चौहान ग्राम खलूण पट्टी धारक्रया के शहीद दिवस के अवसर पर राजकीय महाविद्यालय पोखरी क्वीली की प्राचार्य प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव ने कार्यक्रम का प्रारंभ करते हुये शहीद बेलमती चौहान के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया। तदोपरान्त महाविद्यालय के प्राध्यापक और कर्मचारियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किये। अपने सम्बोधन मे महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर सुमिता श्रीवास्तव ने मंसूरी गोलीकाण्ड की 27वीं बरसी पर उत्तराखंड राज्य के लिये अपनी शहादत देने वाले महान क्रांतिकारियों को नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि देते हुये शहीद बेलमती चौहान के जीवन से जुड़ी बातो को साझा किया। उन्होंने कहा कि वह निडर और समाज के लिए कुछ करने की चाहत रखने वाली महिला थीं। बेलमती चौहान ने अपने जीवनकाल में उत्तराखंड आन्दोलन में जनमानस के हितों की लड़ाई के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिये। आज उनके ही नाम से चल रहे महाविद्यालय मे सर्वाधिक संख्या छात्राओं की है। यह महाविद्यालय छात्राओं के उच्च शिक्षा ग्रहण करने के केंद्र के रूप मे प्रगति के पथ पर अग्रसर है। समारोहक डाॅ विवेकानन्द भट्ट ने बताया कि वे पालकोट पट्टी के रणाकोट गांव मे पली बढ़ीं। ससुराल धारक्रया के खलूण गांव मे बारे मे जानकारी देते हुए उनके बेटियों और बेटों से भी छात्र-छात्राओं व समस्त स्टाॅफ़ को अवगत कराया। इसके उपरांत कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुये महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर अरूण कुमार सिह ने क्वीली पट्टी मे उनके नाम पर चल रहे डिग्री कॉलेज को क्वीली, पालकोट व धारक्रया तीनों पट्टियों की छात्राओ के हित में महत्वपूर्ण बताया। हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ0 राम भरोसे ने 2 सितम्बर को उत्तराखंड आन्दोलन मे शहीद हुये अन्य शहीदों को भी याद करते हुये शहीद बेलमती चौहान के बारे मे अपने विचार प्रस्तुत किये।
इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राध्यापिका सरिता, डॉ0 वन्दना सेमवाल, डॉ0 मुकेश प्रसाद, डॉ0 विवेकानन्द भट्ट, वरिष्ठ सहायिका रचना राणा, रेखा नेगी, अंकित,नरेंद्र बिजल्वाण, सुनिता असवाल, दिवान सिह, नरेश रावत, मुर्ति लाल, राजेन्द्र प्रसाद आदि के साथ महाविद्यालय के छात्र-छात्राएं भी उपास्थित रहे ।



