रिपोर्ट : ज्योति डोभाल
टिहरी : जन हस्तक्षेप मंच के द्वारा आज दिनांक 18 जुलाई को आहूत प्रदेश व्यापी "धरना कार्यक्रम" के समर्थन में जिला मुख्यालय नई टिहरी में वनाधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने धरना दिया।
वन अधिकार आंदोलन टिहरी के जिला संयोजक देवेंद्र नौडियाल ने कहा कि कोविड संकट काल में केंद्र और राज्य सरकार ने लोगों को कोई राहत नहीं दी है।राहत के नाम पर केवल कोरी घोषणाएं हुई हैं किंतु जनता को कोई राहत सरकार के द्वारा अभी तक प्रदान नहीं की गई। उन्होंने मांग की कि सरकार को पानी,बिजली के बिलों,स्कूल फीस आदि में छूट देनी चाहिए।मनरेगा के कार्य दिवसों को 200 दिन किया जाए और उसका दायरा गांव से बढ़ाकर शहरों तक किया जाए। उन्होंने कहा कि आज के धरने के माध्यम से सरकार को जगाने की कोशिश की जा रही है।
नगर पालिका सभासद सतीश चमोली तथा समाजिक कार्यकर्ता मान सिंह रौतेला ने कहा इस धरने के माध्यम से हम लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि राशन कार्ड की बाध्यता समाप्त कर हर व्यक्ति को मुफ्त में राशन दिया जाए।हर परिवार को आर्थिक सहायता दी जाए,खास तौर पर मजदूर,गाइड,होटल कर्मचारी, ड्राइवर अन्य गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से मदद की जाए। पेट्रोल,डीजल,बिजली,तेल सब के दाम बढ़ते जा रहे हैं।सितंबर 2019 में केंद्र सरकार ने बड़े उद्योगपतियों को कर में छूट दी जिससे सालाना 1.40 लाख करोड़ राजस्व नुकसान हुआ।उनसे कर लेने के बजाय सरकार पेट्रोल और डीजल पर करों को बढ़ा रही है तथा आम जनता से पूरा टैक्स वसूल रही है।2014 में केंद्र को हर लीटर पेट्रोल पर 9.40 रूपए का कर मिलता था जबकि अभी केंद्र सरकार हर लीटर पेट्रोल पर 32.90 रूपए कर ले रही है। संकट काल में भी लोगों से राजस्व वसूली जारी है जबकि इस वक्त लोगों को तमाम छूट दी जानी चाहिए थी।
धरने में वन अधिकार आंदोलन टिहरी के जिला संयोजक देवेंद्र नौडियाल,नगर पालिका सभासद सतीश चमोली,सामाजिक कार्यकर्ता मान सिंह रौतेला,धनीराम नौटियाल संतोष आर्य,अमित चमोली, रवि कुमार आदि लोगों ने प्रतिभाग किया.