वीरेंद्र सिंह नेगी
उत्तरकाशी - जिलाधिकारी आशीष चौहान ने जनपद में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटन के विभिन्न आयाम के जरिए स्वरोजगार स्थापित करने की कई नवीन सार्थक पहल कर धरातलीय स्वरूप दिया है।
गुरुवार को जिला सभागार में वनीरा फॉर्म के साथ बैठक कर वॉलिंटियर टूरिज्म के जरिए युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने को लेकर अहम चर्चा की गई। जिलाधिकारी ने बताया कि वॉलिंटियर टूरिज्म के लिए गंगा व यमुना वैली में अनुकूल परिस्थितियां हैं
स्वयं सेवी टूरिज्म को यहां के हिमालय के नजदीक बसे गांव में पारंपारिक खेती एवं स्थानीय लोगों के रहन- सहन व उनकी दिनचर्या से रूबरू होने का अच्छा अवसर मिलेगा ।
वहीं स्थानीय समुदाय भी पर्यटकों के आगमन में रुचि लेता है तो उसका लाभ अंततः उसी को ही मिलेगा। जिलाधिकारी ने कहा कि वनीरा फार्म के द्वारा डुइंक गांव विकास खंड नौगांव में वॉलिंटियर टूरिज्म के लिए किए गए प्रयास सराहनीय है उन्होंने अपेक्षा की कि गंगा वैली रैथल व बार्सु में भी वॉलिंटियर टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए फार्म द्वारा प्रयास किए जाए। इसके लिये उन्होंने विभागीय मदद का भी भरोसा दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि स्वयं सेवी टूरिज्म के आने से जहां पलायन पर भी अंकुश लगेगा वहीं स्थानीय समुदाय के पारंपारिक उत्पाद के लिए बाजार भी मुहैया होगा।
वनीरा फार्म के पवन पाठक ने बताया कि फार्म द्वारा देशी-विदेशी वॉलिंटियर युवा पर्यटक जो प्राकृतिक तौर पर काश्तकारी, जल संचय आदि सीखने का इच्छुक हो के लिए प्लेटफार्म दिया गया है।
स्थानीय स्तर पर भी कृषि उत्साही लोगों के लिए एक जैविक मॉडल फार्म और सीखने की जगह बनाने की कोशिश की हैं।
तथा स्थानीय समुदाय की मदद करने पर ध्यान केंद्रित किया हैं, जो अब तेजी से आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने बताया कि जो लोग रोजगार के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहें है उन्हें खेती के वैकल्पिक और अभिनव तरीके सीखा रहे हैं ताकि लोग अपने गांव में ही रोजगार पा सकें ।
उल्लेखनीय है कि वनीरा फार्म तक पहुंचने के लिए पहले विकास खंड नौगांव के डामटा पहुँचना पड़ता है ।
डामटा से 16 किमी सड़क मार्ग से दुइंक गांव उसके बाद दुइंक गांव से दुइंक डाण्डा तक करीब 4 किमी का पैदल ट्रैक कर वनीरा फार्म पहुँचा जा सकता है।


