केशव रावत प्रतापनगर
एक बार फिर भी उजागर हुई सिंचाई विभाग की मनमानी ।
मामला प्रताप नगर के शिरकोली घाट की है जहां नदी के दोनों ओर रौनद रमोली व भदूरा ओण के घाट हैं।
जलकुर नदी के दोनों छोरों पर सिंचाई विभाग के द्वारा साढ़े सात-सात लाख रुपए के 2 घाट बनवाए जा रहे जो अभी भी निर्माणाधीन है लेकिन गजब की बात तो यह है कि दोनों छोरो पर बनाये जा रही मृतक घाटों को नियम कानून को ताक पर रख कर बनवाये जा रहे हैं ।
दोनों का प्राक्कलन एक है लागत भी एक है लेकिन दोनों को ठेकेदार अपनी अपनी मर्जी व अपने अनुसार बना रहे है ၊
भदूरा और की ओर बनाए जा रहे मृतक घाट में केवल 4 बिमो पर छतरी बनाई जा रही है जो बनते बनते क्षतिग्रस्त हो गई और आज इस छतरी के नीचे दर्जनों लोग घायल होने से बच गए वहीं दूसरी ओर रौनद रमोली के घाट को 6 बिमो पर बनाया जा रहा है जो सुरक्षित है और लगभग कुछ हद तक ठीक भी बनाया गया है लेकिन भदूरा की ओर से बनाए गए घाट को बिल्कुल नियम कानूनों को ताक पर रखकर बनाया गया या बनाया जा रहा था जो अभी भी निर्माणाधीन था लेकिन इस बरसात के पानी से वह पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है छतरी के नीचे लगातार बड़ा खतरा बना हुआ है क्योंकि अगर छतरी को डिस्मेंटल नहीं किया गया तो कभी भी इसके नीचे कोई बड़ा हादसा हो सकता है सिंचाई विभाग को सूचित करने के बाद भी अभी तक यह छतरी वैसे की वैसे ही लटकी हुई है और किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रही है लेकिन सिंचाई विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है ।
एक बार फिर भी उजागर हुई सिंचाई विभाग की मनमानी ।
मामला प्रताप नगर के शिरकोली घाट की है जहां नदी के दोनों ओर रौनद रमोली व भदूरा ओण के घाट हैं।
जलकुर नदी के दोनों छोरों पर सिंचाई विभाग के द्वारा साढ़े सात-सात लाख रुपए के 2 घाट बनवाए जा रहे जो अभी भी निर्माणाधीन है लेकिन गजब की बात तो यह है कि दोनों छोरो पर बनाये जा रही मृतक घाटों को नियम कानून को ताक पर रख कर बनवाये जा रहे हैं ।
दोनों का प्राक्कलन एक है लागत भी एक है लेकिन दोनों को ठेकेदार अपनी अपनी मर्जी व अपने अनुसार बना रहे है ၊
भदूरा और की ओर बनाए जा रहे मृतक घाट में केवल 4 बिमो पर छतरी बनाई जा रही है जो बनते बनते क्षतिग्रस्त हो गई और आज इस छतरी के नीचे दर्जनों लोग घायल होने से बच गए वहीं दूसरी ओर रौनद रमोली के घाट को 6 बिमो पर बनाया जा रहा है जो सुरक्षित है और लगभग कुछ हद तक ठीक भी बनाया गया है लेकिन भदूरा की ओर से बनाए गए घाट को बिल्कुल नियम कानूनों को ताक पर रखकर बनाया गया या बनाया जा रहा था जो अभी भी निर्माणाधीन था लेकिन इस बरसात के पानी से वह पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया है छतरी के नीचे लगातार बड़ा खतरा बना हुआ है क्योंकि अगर छतरी को डिस्मेंटल नहीं किया गया तो कभी भी इसके नीचे कोई बड़ा हादसा हो सकता है सिंचाई विभाग को सूचित करने के बाद भी अभी तक यह छतरी वैसे की वैसे ही लटकी हुई है और किसी बड़ी दुर्घटना को न्योता दे रही है लेकिन सिंचाई विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है ।