Uk live एक्सक्लूसिव - मोदी सरकार ने किया चार लाख करोड़ रुपये का घोटाला सुप्रीम कोर्ट ने भेजा नोटिस

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एक्सक्लूसिव खुलासा - मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में चार लाख करोड़ रुपये का घोटाला किया जिसके सम्बन्ध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केन्द्र की मोदी सरकार पर राफेल के बाद एक और बड़ा आरोप लगा है ၊
याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने देश भर में कच्चे लोहे की 358 खदानों की लीज का एक्सटेंशन बिना वेल्यूएशन किये कर दिया है इससे सरकार को चार लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है ၊
आरोप है सरकार ने देश भर में कच्चे लोहे और दूसरे अयस्को की 358 खदानो की लीज यानि पट्टे का समय बढ़ा दिया इसके लिए खदानो का वेल्यूएशन यानि उनकी कीमत का आकलन भी नही किया गया ၊

इससे सरकार को चार लाख करोड़ का नुकसान हुआ जो सीधे-सीधे देश का नुकसान है ၊
इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न इन माइनिग लीज को रद्द कर दिया जाये ၊
सुप्रीम कोर्ट में ये याचिका एडवोकेट एमएल शर्मा ने दाखिल की है ၊
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इसमें आरोप लगाये गये हैं कि केन्द्र सरकार ने राज्य सरकारों को बाध्य किया कि वे 288 खदानो की माइनिंग लीज का समय बढ़ा दे इसके लिए साल 2015 में माइन्स एण्ड मिनरल्स एक्ट में संसोधन किया गया ၊

कच्चे लोहे समेत दूसरे अयस्को की 358 खदानों की माइनिंग लीज की अवधि बढ़ाई गई इसके लिए खदानो के मूल्य का आंकलन आज के समय के मुताबिक नही किया गया ၊ खदानों को दोबारा आवंटन करने के लिए नीलामी प्रक्रिया को भी नही अपनाया गया ၊ ज्यादातर खदाने उन्ही कम्पनियों को दे दी गई जिनके पास पहले से ही वो खदाने थी ၊ इसके लिए केन्द्र सरकार ने केवल एक आदेश जारी किया ၊ चिका में कहा गया है कि MMDR यानि माइंस एण्ड मिनरल्स डेवलपमेंट एण्ड रेगुलेशन एक्ट की धारा 8A अवैध है इसी सेक्शन के जरिये खदानो को दोबारा उन्ही कम्पनियों को दे दिया गया जिनके पास वो पहले से थी ၊

पट्टों की सीमा 50 साल या उसकी अवधि खत्म होने तक कर दी गई ၊
कोयला के अलावा दूसरे खनिजों की खदानों के पट्टे 05 साल से 20 साल के लिए बढ़ा दिये गये इसके लिए एमएमडीआर एक्ट के संसोधन का सहारा लिया गया अगर नीलामी से पट्टे दिये जाते तो 80 से 100 फीसदी फायदा हो सकता था ၊

फाइनेंशियल एक्सप्रेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक याचिका में आरोप लगाया गया है कि इस पूरे खेल में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है जो गंभीर आर्थिक अपराध की संज्ञा में आता है ၊ इस पूरी प्रक्रिया में सरकारी खजाने को करीब चार लाख करोड़ का नुकसान हुआ ၊
फाइनेंस एक्सप्रेस के मुताबिक गोवा की 160 , कर्नाटक की 45 , और ओडिशा की 31 खदानों का रिन्यूवल नही किया गया ၊ इनमें से ज्यादातर खदाने वेदान्ता ग्रुप और टाटा ग्रुप के कम्पनी के अधीन थी ၊ रवास बात यह है कि यही दोनों ग्रुप सत्ताधारी भाजपा को सबसे ज्यादा चंदा देते रहे हैं ၊
याचिका में गुजारिश की गई है कि खदानों का आवंटन रद्द करके सीबीआई जांच कराई जाये ၊ ये पट्टे बिना किसी नये मूल्यांकन के या नीलामी प्रक्रिया अपनाये इन कम्पनी को दिये हैं जो कि बिल्कुल फ्री दिये गये हैं इनको रद्द करके नये सिरे से नीलामी प्रक्रिया के जरिये आवंटन किया जाये और कम्पनी से मार्केट रेट के आधार पर पैसे की वसूली की जाये इसके साथ ही MMDR एक्ट के सेक्शन 8A को रद्द किया जाये ၊

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर केन्द्र सरकार के साथ-साथ ओडिशा , झारखण्ड और कर्नाटक की सरकारों को नोटिश जारी किया है ၊
केन्द्र सरकार से पूछा गया है कि क्यों न इन खदानों के आवंटन को रदद किया जाये ၊
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एमए बोवड़े और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की बेंच ने सीबीआई को भी नोटिस जारी किया है ၊
कोर्ट ने सीनियर एडवोकेट पीएस नरसिम्हा को केस में सहयोग के लिए नियुक्त किया है ၊

Team uk live

Source -finense express

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