जोशीमठ - जहा आज पूरा देश विश्व मजदूर दिवस बड़े ही धूमधाम से मनाया रहा है वही इस
सीमांक्षेत्र मैं नंदादेवी राष्ट्रीय पार्क द्वारा गरीब मजदूरो का लगातार शोषण किया जा रहा है
जबकि सरकार द्वारा दैनिक मजदूरो को 8300 रुपये मासिक मजदूरी देने की बात की जा रही है
लेकिन जोशीमठ के वन विभाग द्वारा खुले आम श्रम कानूनों का धता बताते हुए 5040 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है जबकि इस मामले की जानकारी विभाग के आला अधिकारियो को है कर्मचारी कई बार मुख्यमंत्री को जिलाधिकारी उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन दे चुके है लेकिन किसी ने भी वन विभाग के दैनिक वेतन पर कार्य कर रहे मजदूरो के उत्पीड़न पर संज्ञान लेने की जहमत ही नही उठाई जिसे इतने कम वेतन मैं कैसे उन मजदूरो का भरण पोषण होगा आखिर कब तक मजदूर निम्न वेतन से अपने परिवार का पेट पाल सकेगा। आखिर मजदूर कब तक अपने हक के लिये लड़ता रहेगा अगर मजदूरो के साथ अन्देखी करनी ही है तो ऐसे अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाने से क्या फायदा।
जोशीमठ में जहां एक ओर पूरा विश्व मजदूर दिवस मना रहा है वही जलविधुत परियोजना एन0 टी0पी0सी ने उपनल द्वारा कार्य कर रहे सविदा कर्मियो को 10 दिन का ब्रेक दिया है जिससे सविदा कर्मी मैं काफी रोष है एन0टी0पी0सी0 में 2008 से कार्य कर रहे सविदा कर्मियो को परियोजना द्वारा मौखिक रूप से अवगत कराया की उन्हें 10 दिन का ब्रेक दिया जा रहा है आज जब कर्मचारी अपने आफिस पहुचे तो कम्पनी के सुरक्षा कर्मियो ने उंन्हें गेट से ही वापस लौटा दिया जो कि माननीय हाई कार्ट की अवेलहना है जिसको लेकर स्थानीय निवासी रमेश सती ने उपनल को पत्र लिखा जिसमे उन कर्मचारियों के 10 दिन के ब्रेक दिए जाने के संबंध अवगत कराया जहां एक और सरकार पलायन को रोकने के लिये कई प्रयास कर रही है वही दूसरी और भारत की महारत्न कंपनी एन0टी0पी0सी0 सविदा कर्मियो को 10 दिन का ब्रेक दे रही है ၊
Team uk live



