राज्य निर्वाचन आयोग का गैर संवैधानिक आचरण को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल को भेजा ज्ञापन

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ज्योति डोभाल संपादक 


राज्य निर्वाचन आयोग का गैर संवैधानिक आचरण को लेकर कांग्रेस ने राज्यपाल को जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया 

कहा कि  राज्य में पंचायतों का कार्यकाल पूर्ण होने के बावजूद त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव राज्य सरकार द्वारा जान बूझ कर समय पर नहीं करवाए गये। राज्य के सत्ताधारी दल द्वारा पंचायत चुनावों में सात महीनों की देरी कर यह गुंजाइश पैदा की गई, जिससे इसी वर्ष सम्पन्न हुए निकाय चुनावों में प्रतिभाग कर चुके उनके दल के लोग पंचायत चुनावों में भी प्रतिभाग कर सकें।

बताया कि उच्च न्यायालय नैनीताल के हस्तक्षेप के पश्चात जब राज्य की भाजपा सरकार ने त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव करने की सिफारिश राज्य निर्वाचन आयोग से की गई तो प्रदेश भर में जिला पंचायत सदस्य सीटों, क्षेत्र पंचायत सदस्य सीटों व ग्राम प्रधान सीटों के आरक्षण भी मनमाने तरीके से किये गये। त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण के चक्रीय क्रम को तोड़ कर निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य के पंचायती राज एक्ट के विरूद्ध असंवैधानिक तरीके से किये गये आरक्षण के विरुद्ध अनेक लोग न्यायालय की शरण में भी गए।

 त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों की तिथियों की घोषणा के बाद कांग्रेस पार्टी का एक वृहद् प्रतिनिधिमंडल जिसमें राज्य के सभी प्रमुख नेतागण शामिल थे, राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त से उनके कार्यालय में मिला और उनसे प्रदेश में संवैधानिक तरीके से निष्पक्ष एवं पारदर्शी चुनाव कराने का अनुरोध किया गया। कांग्रेस पार्टी सहित अन्य राजनैतिक दलों के आरक्षण सम्बन्धी विरोध के बावजूद निर्वाचन आयोग द्वारा मनमाने आरक्षण पर चुनाव कराये गये। यही नहीं जिला पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत सदस्यों के चुनाव के उपरान्त जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लाक प्रमुख पदों पर भी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा सत्ताधारी दल के दबाव में पंचायतीराज एक्ट के विरूद्ध आरक्षण थोपा गया।


कांग्रेस पार्टी द्वारा दो निर्वाचनों की मतदाता सूची में नाम दर्ज होने वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर भी आपत्ति दर्ज की गई, परन्तु राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पंचायत राज ऐक्ट का उल्लंघन कर दो जगह नाम वालों को चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई। इसी प्रकार राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा टिहरी में जिला पंचायत सदस्य प्रत्याशी सीता देवी का नामांकन गलत तरीके से खारिज किये जाने के उपरान्त नामांकन सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वैध ठहराया जाना राज्य निर्वाचन आयोग की कार्यप्रणाली एवं चुनावों की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है।


 जिला पंचायत रूद्रप्रयाग में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान वोट दिये जाने वाली कलम को शाजिस के तहत बदलकर रखा गया जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुआ। यही नहीं टिहरी, नैनीताल के जिला पंचायत अध्यक्ष पदों पर हुए चुनाव में सत्ता के बल पर विपक्षी प्रत्याशियों को डाराया गया।


 द्वाराहाट में दो क्षेत्र पंचायत सदस्य  दीपा आर्या के पद  दीपक आर्या एवं  वंदना लहरी के पति  संतोष लहरी को कुछ अराजक तत्वों द्वारा घर से उठा दिया गया जिसकी शिकायत करने गई दोनों महिलाओं के साथ गये लोगों के खिलाफ पुलिस द्वारा उल्टे कार्रवाई करते हुए उल्टे मुकदमें दर्ज किये गये। जीरो एफ.आइ.आर. पूरे देश में कही भी  लिखाई जा सकती है परन्तु पुलिस द्वारा उनकी जीरो एफ.आइ.आर. लेने से  भी इनकार किया गया जबकि  क्षेत्र का माहौल बेहद संवेदनशील बना हुआ था।

उत्तराखंड राज्य के इतिहास में पहली बार त्रि-स्तरीय पंचायत चुनावों में बाहुबल एवं बेतालघाट में गोली चलने की घटना सामने आई है। बेतालघाट में ब्लाक प्रमुख चुनाव के दौरान हुए शर्मनाक गोलीकांड में एक व्यक्ति बुरी तरह जख्मी हुआ है तथा क्षेत्र मे तनाव का माहौल बना हुआ है।


 नैनीताल में निर्वाचित जिला पंचायत सदस्यों का खुले आम पुलिस की आंखों के सामने अपहरण की घटना को अंजाम दिया गया। यही नहीं राज्य के नेता प्रतिपक्ष, उपनेता प्रतिपक्ष एवं कांग्रेस के विधायक श्री सुमित हृदयेश एवं पूर्व विधायक श्री संजीव आर्य के साथ मारपीट की गई। जिला पंचायत सदस्यों के गायब होने के मामले में भी पुलिस प्रशासन द्वारा मा० न्यायालय को भी गुमराह किया जा रहा है। जिलाधिकारी नैनीताल द्वारा मा० उच्च न्यायालय में बयान दिया गया कि वे जिला पचायत अध्यक्ष पद पर पुर्नमतदान के लिए राज्य निर्वाचन आयोग को शिफारिस करेंगे। परन्तु उसी दिन की मध्य रात्रि को लगभग 2:00 बजे मतगणना करदी गई, जिससे निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता एवं पारदर्शिता पर प्रश्न चिन्ह खड़ा होता है।

 दिनांक 11 जुलाई 2025 को मा० उच्च न्यायालय द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा पंचायत राज एक्ट की धारा-9 की उपधारा-6 का उलंघन करने पर गम्भीर टिप्पणी की गई, उसके बावजूद भी राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य के चुनाव से सम्बन्धित अधिकारियों को स्पष्ट दिशा निर्देश प्रदान नहीं किये गये।


कांग्रेस ने कह राज्य में संवैधानिक संरक्षक होने के नाते जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल आपसे आग्रह करती है कि प्रदेश हित में उपरोक्त बिन्दुओं पर राज्य निर्वाचन आयोग एवं राज्य सरकार को निर्देशित करने की कृपा करें।

ज्ञापन देने वालों में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राकेश राणा प्रदेश कांग्रेस के सचिव सैयद मुसर्रफ अली ,महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष आशा रावत, जिला उपाध्यक्ष सगुप्ता प्रवीन  लोग मौजूद थे।

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