रिपोर्ट : ज्योति डोभाल
टिहरी : छठवाँ राज्य वित्त आयोग की टीम ने बुधवार को जिला कलेक्ट्रेट के वीसी कक्ष नई टिहरी में आयोग की भूमिका को लेकर राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ विचार- विमर्श किया।
आयोग के अध्यक्ष एन. रवि शंकर ने कहा कि राज्य वित्त आयोग की भूमिका मुख्य रूप से राज्य सरकार और स्थानीय निकायों के बीच वित्तीय संसाधनों के वितरण की सिफारिश करना है। 6वां राज्य वित्त आयोग द्वारा 01 अप्रैल 2026 से 31 मार्च 2031 तक के लिए राज्य सरकार और स्थानीय निकायों के बीच कर, शुल्क और अन्य राजस्व का वितरण तय करना है, ताकि स्थानीय निकायों को पर्याप्त वित्तीय संसाधन मिलें और वे अपने कार्यों को प्रभावी ढंग से कर सकें।
आयोग के सदस्य पी.एस. जंगपांगी ने कहा कि इससे पूर्व स्थानीय निकायों, जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। बैठक में स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा कर उनकी वित्तीय आवश्यकताओं के बारे में सुझाव प्राप्त किए गए हैं, ताकि रिपोर्ट राज्य सरकार के समक्ष रखकर स्थानीय निकायों को राजस्व अंशदान और सहायता अनुदान के रूप में दी जाने वाली राशि का निर्धारण किया जा सके।
इस मौके पर राजनीतिक दलों के पदाधिकारियों द्वारा केंद्र और राज्य वित्त के तहत किए जाने वाले कार्यों को गुणवत्ता के साथ किए जाने, पंचायतों में मनरेगा के तहत किए गए कार्यों का पैसा समय से मिले, उतने ही कार्यों के टेंडर किए जाएं, जितने कार्यों की वित्तीय स्वीकृति प्राप्त हो, पंचायत चुनाव समय से हो, ग्रामीण क्षेत्रों में वित्त की धनराशि से टाइम बॉन्ड कार्य हो, छोटी छोटी नदियों में चुगान कार्य स्थानीय स्तर पर हो आदि मांगे रखी गई। इस पर आयोग के अध्यक्ष ने कहा कि उक्त मांगों को संस्तुति रिपोर्ट में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त कुछ और मांगे, सुझाव हो तो लिखित में दे सकते हैं।
इस अवसर पर डीएम मयूर दीक्षित, सीडीओ सीडीओ वरुणा अग्रवाल, डीडीओ मो. असलम, जिलाध्यक्ष कांग्रेस राकेश राणा, भाजपा से जयेंद्र पंवार, सांसद प्रतिनिधि रामलाल नौटियाल, जिलाध्यक्ष युवा कांग्रेस नवीन सेमवाल, प्रदेश सचिव बसपा सुशील पांडे, सीपीजेएम से सफर सिंह नेगी, ए डी ई ओ निर्वाचन विजय तिवारी, डीएसटीओ साक्षी शर्मा आदि उपस्थित रहे।