दैवीय आपदा में जानमाल की क्षति का जायजा लेकर आपदा क्षेत्रों के सघन दौरे से लौटे कांग्रेस के दल ने की सरकार से ये मांगे

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Team uklive


टिहरी : जनपद टिहरी गढवाल की तहसील घनसाली में विगत 26.07.2024 एवं 31.07. 2024 को आई भीषण दैवीय आपदा में जानमाल की क्षति का जायजा लेकर आपदा क्षेत्रों के सघन दौरे से लौटे कांग्रेस के एक दल ने बताया कि-

 दिनांक 26.07.2024 को इस वर्ष की घनसाली क्षेत्र में यह पहली आपदा थी, जिसमें ग्राम तोली, के  बिरेन्द्र शाह के मकान के ऊपर भारी मलवा आने से उनकी पत्नी  सरिता देवी तथा पुत्री अंकिता की दुखद मौत हो गयी. 

तोली गांव में जगह-जगह भू-धसाव हो रहा है, इस ग्राम के सभी सम्पर्क मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुके हैं, ग्राम को जोडने वाला पुल भी खतरे की जद में है, और कई मकान खतरे की जद में है।

 ग्राम तिनगढ़ के ऊपर भारी भू-स्खलन हुआ है और समय रहते ग्राम वासियों ने अपने-अपने घरों को खाली कर दिया था चूंकि यह दोपहर का समय था इसलिये यहां जान का कोई नुकसान नहीं हुआ किन्तु ग्राम के सभी मकान क्षतिग्रस्त है, और रहने लायक नहीं है। इस ग्राम में पशु हानि हुई है, इस ग्राम के ठीक ऊपर टिहरी जनपद की एक बडी नहर गुजरती है ग्रामवासियों का कहना है कि इस नहर की भी तकनीकि जांच होनी चाहिये उन्हे आंशका है कि इस नहर के अन्दरूनी रिसाव से भी गांव के ऊपर  यह विपदा आई हो। इस गांव का पूर्ण विस्थापन किया जाना नितान्त आवश्यक है।


बूढाकेदार के धर्मगंगा व बालगंगा नदियों के संगम स्थल पर दोनो नदियों के उफान के कारण बूढाकेदार बाजार की दुकाने क्षतिग्रस्त / ध्वस्त हुई है और अनेकों घर एवं दुकाने खाली करवा दी गयी हैं, उनमें भारी दरारें पड गयी है ईनका भी विस्थापन किया जाना आवश्यक है। ग्राम थाती, ग्राम रक्सिया, ग्राम गाँफल, भी भारी खतरे की जद में है, इन दोनों नदियों में भारी सिल्ट जमा है, जिससे यह खतरा और भी बढ़ गया है।


 लोक जीवन विकास भारती संस्थान जो कि शिक्षा का एक पुराना केन्द्र है, और इस केन्द्र में पिछली आपदाओं में इस क्षेत्र में राहत बचाव कार्यों में अहम योगदान निभाया था, किन्तु इस संस्थान के संस्थापक स्व० बिहारी लाल जी द्वारा स्थापित सूक्ष्म जल विद्युत ऊर्जा (पन बिजली) का पूरा पॉवर हाउस खतम हो गया है इस संस्थान इस का तटबन्ध भी डूब गया है और क्षतिग्रस्त है संस्थान की बागवानी एवं कृषि भूमि भी क्षतिग्रस्त हुई है यह संस्थान स्वयं की बिजली से संचालित हो रहा था किन्तु अब यहां विद्युत व्यवस्था ठप है। इसके अतिरिक्त बूढाकेदार से ऊपर के मोटर मार्ग, जन सम्पर्क मार्ग क्षतिग्रस्त है, और ऊपरी ग्रामों में भी खतरा मंडरा रहा है


 दिनांक 31.07.2024 को घनसाली तहसील के नैलचामी क्षेत्र में रात्रि 8:15 के बजे लगभग ग्राम जखन्याली (नौताड़) के रूईसी गदेरे में बादल फटने के कारण भारी सैलाब आ गया और एक होटल/ ढाबे को बहा ले गया जिसमें 03 लोगों   की दुखद गौत हो गई इनमें  भानू प्रसाद नौटियाल एवं उनकी पत्नी नीलम तथा उनका पुत्र विपिन इस दुर्घटना के शिकार हो गये तथा मुयाल गांव के दोनो पुल बह गये। घनसाली क्षेत्र की इन दोनों घटनाओं में कुल 05 लोगों की मौत हो गयी, 03 पुल बह गये, 01 सरोवर बह गया, ग्राम की पेयजल लाईने क्षतिग्रस्त हो गयी, सडके ध्वस्त हुई हैं, अनेको मकान क्षतिग्रस्त हुये है. तिनगढ में पूरा गांव क्षति ग्रस्त हो गया है, एक भी घर रहने लायक नहीं है, एक परिवार घोडा बह गया, कई मवेशी दब गये, एक साधु मिसिंग बताया जा रहा है।


उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से कांग्रेस का एक दल राहत बचाव के लिये दोनों घटना स्थलों पर समय से पंहुच था, इस दल ने घायल विपिन के नई टिहरी के अस्पताल में पोस्टमॉर्डम से लेकर पिल्खी अस्पताल तक पीडीत परिवारों के साथ खडे रहकर उन्हें सम्बल दिया। साथ ही बचाव व राहत कार्यों में भी मदद की इस दल में घनसाली के पूर्व ब्लॉक प्रमुख विजय गुनसोला, काग्रेस जिला अध्यक्ष राकेश राणा, पूर्व जिला अध्यक्ष शान्ति प्रसाद भट्ट, पूर्व प्रमुख धनी लाल शाह, दिनेश लाल, शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप पंवार, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी भिलगंना के अध्यक्ष लक्ष्मी जोशी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के बालगंगा के अध्यक्ष जसबीर नेगी, हिम्मत रौतेला, कैलाशी देवी, बचन सिंह रावत, डॉ० राकेश लाल, मुरारी लाल खण्डवाल, कुशीलाल,  नेता प्रतिपक्ष  यशपाल आर्य  एवं प्रतापनगर के  विधायक विक्रम सिंह नेगी ने भी आपदा ग्रस्त क्षेत्र का सघन दौरा किया. 

राहत शिविर  में आपदा प्रभावित लोगों से मुलाकात कर उनके दुख दर्द को साझा किया तथा मृतकों के प्रति गहरा शोक व्यक्त किया.

इस संकट की घड़ी में कांग्रेस पार्टी जिला प्रशासन के साथ खड़ी है।


उन्होंने कहा कि हमारा राज्य व केन्द्र सरकार से  विनम्र आग्रह है-कि भिलंग, नैलचामी, कौटी फैगुल, बासर, हिन्दाव, ग्यारहगांव, गोनगढ, आरगढ, ढुंगमन्दार, केमर क्षेत्रों की नदियों, गाढ, गदेरों के किनारे स्थित कृषि भूमि एवं जो फसल बह गयी है, उसका आंकलन किया जाय तथा बची हुयी भूमि पर भू-कटाव से सुरक्षा के उपाय किये जायें।


. लोक जीवन विकास भारती संस्थान के सूक्ष्म जल विद्युत परियोजना को पुनः स्थापित किये जाने हेतु संस्थान की मदद की जाय, तथा संस्थान की सुरक्षा के लिये तटबन्ध को आर०सी०सी० तटबन्ध व मजबूत सुरक्षा दीवार का निर्माण किया जाय।


घनसाली क्षेत्र में दैवीय आपदा की गम्भीर स्थिति को मध्य नजर रखते हुये घनसाली में एन०डी०आर०एफ० व एस०डी०आर०एफ० की एक यूनिट स्थायी रूप से स्थापित की जाय, तथा इस क्षेत्र के लिये प्रतिवर्ष आपदा राहत कोष स्वीकृत किया जाय तथा आपदा ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया जाये. 

 सम्पूर्ण नैलचामी गाड़  पर तथा इसकी सहायक गाडो पर आर०सी०सी० तटबन्धों का निर्माण किया जाय।


ग्राम तिनगढ को पूर्ण रूप से विस्थापित किया जाय तथा राज्य सरकार विशेष सहायता राशि प्रदान करें। मृत परिवारों को अलग से संसोधित राशि प्रदान की जाय।


क्षति के आंकलन हिसाब से कृषि भूमि पशु हानि, आदि में संसोधित राशि प्रदान की जाय।


 दैवीय आपदा से अति संवेदनशील सीमान्त क्षेत्र घनसाली में उक्त दैवीय आवदा से क्षतिग्रस्त अवस्थापना सुविधाओं का केदारनाथ पुर्ननिर्माण के तर्ज पर पुनः निर्माण व प्रबन्धन किया जाय।


बालगंगा, धर्मगंगा, नैलचामी गाढ पर दीर्घकालिक सुरक्षा उपाय कर आर०सी०सी० तटबन्ध, सुरक्षा दीवार लगाने हेतु कार्यावाही की जाय।


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