अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत जिलाधिकारी के दिशा-निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से ‘‘टी-4‘‘ रणनीति लाने लगी रंग

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 ज्योति डोभाल 


टिहरी : अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद को अनीमिया मुक्त करने हेतु स्वास्थ्य विभाग से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की 13 टीमें, 180 सीएचओ तथा 249 एएनएम जुटे।‘‘


"अभियान के तहत 10 मई से 05 जून, 2024 तक 47 हजार, 271 के हिमोग्लोबिन परीक्षण किए गए।"


जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के दिशा-निर्देशन में अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत जनपद में 10 मई, 2024 से स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के सहयोग से विशेष अभियान कार्यक्रम चलाकर स्कूलों एवं गांव-गांव में टी-4 (टेस्ट, ट्रीट, टॉक एंड ट्रैक) शिविर आयोजित कर डिजिटल हिमोग्लोबिन की जांच की जा रही है। साथ ही अनीमिया से ग्रस्त पाये जाने वालों का उपचार एवं निर्धारित समयानुसार पुनः परीक्षण किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि कार्यक्रम को निरन्तर जारी रखते हुए जनपद को तीन साल के अन्दर अनीमिया मुक्त करना सुनिश्चित करें।


मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनु जैन ने बताया कि अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के अन्तर्गत 05 वर्ष से 09 वर्ष के 31 हजार 254 बच्चों, 10-19 वर्ष के 75 हजार 766 किशोर/किशोरियों, 10 हजार 874 गर्भवती महिलाओं तथा 19-से 35 वर्ष की गैर गर्भवती महिलाओं अर्थात् कुल 01 लाख 34 हजार 494 का लक्ष्य निर्धारित कर 10 मई, 2024 से प्रतिदिन गांव-गांव जाकर हिमोग्लोबिन की डिजिटल स्क्रीनिंग/परीक्षण कर उपचार किया जा रहा है। कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग से आरबीएसके की 13 टीमें, 180 सीएचओ तथा 249 एएनएम काम कर रहे हैं।


एसीएमओ डॉ. एल.डी. सेमवाल ने बताया कि अनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के अंतर्गत 10 मई से 05 जून तक कुल 47 हजार 271 परीक्षण किए गए, जिसमें हल्का एनीमिया 12073, मध्यम एनीमिया 11259, गंभीर एनीमिया के 348 अर्थात् कुल 23 हजार 680 एनीमिया से ग्रस्त पाए गए। 264 गंभीर एवं मध्यम एनीमिया को आयरन सुक्रोज दिया गया, 01 को दून अस्पताल में ब्लड चढ़ाया गया तथा 23 हजार 680 एनीमिया को आयरन और फॉलिक एसिड (आईएफए) टैबलेट दिए गए।


प्रभारी चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रतापनगर कुलभूषण त्यागी ने जानकारी देते हुए बताया कि एनीमिया मुक्त अभियान के तहत 10 मई को गरवान गांव उपकेंद्र के अंतर्गत खुरमोला गांव की दो गर्भवती महिलाओ का जांच में 7.2 तथा 7.6 ग्राम हीमोग्लोबिन आया। गंभीर रक्त अल्पता के मद्देनजर इनके घर पर प्रत्येक सप्ताह भ्रमण करके उपचारित एवं काउंसिल किया गया। 5 जून बुधवार को चौथी बार टीम इनके घर गई तथा इनकी हीमोग्लोबिन जांच करने पर क्रमश 10.6 तथा 10.2 पाया गया।


जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक वी.के. ढौंडियाल ने बताया कि जनपद क्षेत्रान्तर्गत 01 हजार 242 प्राइमरी एवं 578 अपर प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को आयरन और फॉलिक एसिड की टैबलेट दी जानी है। वर्तमान में स्कूलों में अवकाश के चलते कार्यक्रम बन्द है तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा गांव-गांव जाकर बच्चों का परीक्षण किया जा रहा है। स्कूलों के खुलते ही कार्यक्रम पुनः संचालित किया जायेगा।

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