Team uklive
टिहरी : कुलपति श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय की सम सेमेस्टर 2024 की परीक्षायें एवं वार्षिक पद्धति में संचालित विभिन्न पाठ्क्रमों की परीक्षायें 05 मई, 2024 से प्रारम्भ कर 31 मई, 2024 तक सम्पन्न कराई जायेंगी, तथा उसके परिणाम 25 जून, 2024 तक हर हाल में सार्वजनिक किये जायेंगे। प्रयोगात्मक परीक्षायें 30 अप्रैल, 2024 तक सम्पन्न कर दी जायेंगी। विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ मंगलवार 19 मार्च, 2024 को आयोजित बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० एन०के० जोशी द्वारा 23 मार्च, 2024 तक परीक्षाओं का कार्यक्रम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किये जाने के निर्देश दिये गये हैं। प्रो० एन०के० जोशी ने बताया कि उत्तराखण्ड शासन व सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप परीक्षायें हर हाल में समय पर सम्पन्न कराई जायेंगी। उड़नदस्ते तथा आवश्यक होने पर परीक्षा केन्द्रों में पर्यवेक्षकों की तैनाती की जाय। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय से वर्तमान में 217 राजकीय/अशासकीय तथा स्ववित्त पोषित शिक्षण संस्थान सम्बद्ध हैं तथा सम्बद्ध संस्थानों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं की परीक्षायें सेमेस्टर तथा वार्षिक पद्धति में आयोजित की जाती रही हैं।
World Oral Health Day 2024
प्रतिवर्ष 20 मार्च को ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को ओरल हेल्थ और ओरल हाइजीन के प्रति जागरूक करना है। आजकल ओरल हेल्थ आम समस्या हो गई है। मुंह की सफाई, दांतों की मजबूती और चमक के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है। दांतों की मजबूती और चमक बरकरार रखना मुश्किल काम नहीं लेकिन जानें-अनजाने की गई कुछ गलतियों के कारण दांत कमजोर हो जाते हैं और दांतों में पीलापन नजर आने लगता है। यहां ऐसी गलत आदतों के बारे में बताया जा रहा है, जिसे छोड़ दिया तो दांत मजबूत और चमकदार बन जाएंगे।
ब्रश करने का गलत तरीका
अधिकतर लोगों को लगता है कि ब्रश को दांतों पर तेजी से रगड़ने से दांत अच्छे से साफ होते हैं। जोर से ब्रश करने से फायदा नहीं, बल्कि दांतों को नुकसान होता है। गलत तरीके से ब्रश करने से इनेमल को नुकसान होने के साथ कैविटी के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है और मसूड़े संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जोर से ब्रश करने से ठंडी और गर्म के सेवन से सेंसिटिविटी बढ़ सकती है। वहीं दांतों को दिन में दो बार ब्रश करना भी बहुत जरूरी है।
चीनी की मात्रा
दांतों की सेहत को चीनी नुकसान पहुंचा सकती है। इसके सेवन से मुंह में एसिड पैदा करने वाले बैक्टीरिया बढ़ते हैं। जेली कैंडी जैसी चिपचिपी मिठाइयां दांतों के लिए नुकसानदायक होती हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, खट्टी कैंडी में कई तरह के एसिड होते हैं जो दांतों में सड़न पैदा करने के साथ ही दांतों की ऊपरी परत को नष्ट करने लगते हैं।
बिना कुल्ला किए सोना
कुछ लोगों को बेड टाइम पर चाय या कॉफी पीने की आदत होती है। इसके अलावा रात में आइसक्रीम, स्वीट या दूध पीकर हैं। लेकिन खाने पीने के बाद कुल्ला न करना और ऐसे ही सो जाना दांतों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। कीटाणु मुंह में फैल कर दांतों को कमजोर बनाते हैं और दुर्गंध का कारण बनते हैं। इसलिए रात में सोने से पहले ब्रश या कुल्ला करें। ब्रश के बाद कुछ न खाये.
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी टिहरी गढ़वाल मुख्य चिकित्साधिकारी
टिहरी गढ़वाल जिला अधिकारी टिहरी गढ़वाल।
वर्ष 2023 से विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया समर्थ के माध्यम से सम्पन्न हुई है तथा प्रदेश के उच्च शिक्षा से सम्बन्धित सभी विश्वविद्यालयों में एक प्रवेश, एक परीक्षा तथा एक परिणाम के दृष्टिगत कैलेण्डर तैयार किया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० जोशी ने कहा कि परीक्षा केन्द्र के प्रत्येक परीक्षा हॉल में सी०सी०टी०वी० कैमरे होना अनिवार्य है तथा पारदर्शी परीक्षा हेतु जो भी आवश्यक कदम हों उन्हे तुरन्त अमल में लाया जाय। उन्होने कहा कि छात्रों को उनकी मांग के अनुरूप प्रमाण-पत्र उपलब्ध करा दिये जायें, उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये गये कि छात्र समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित किया जाय। कुलपति प्रो० एन०के० जोशी के 01 वर्ष के कार्यकाल में परीक्षा तथा परीक्षा परिणामों की स्थिति में विश्वविद्यालय द्वारा कुछ हद तक सुधार कर दिया गया है तथा कुलपति की व्यक्तिगत रूचि को देखते हुए छात्रों के सर्वांगीण विकास से सम्बन्धित अनेक कार्यक्रम भी विश्वविद्यालय द्वारा समय-समय पर आयोजित किये जा रहे हैं। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में परीक्षा की तैयारियों से सम्बन्धित आवश्यक बैठक में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियन्त्रक ने कहा कि इन्टीग्रेटेड बी०एड० तथा बी०एड० की सत्र 2024-26 की प्रवेश परीक्षायें भी माह जून, 2024 में सम्पन्न करायी जायेंगी जिसके लिये आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। बैठक में विश्वविद्यालय के सहायक परीक्षा नियन्त्रक डॉ० हेमन्त बिष्ट तथा डॉ० बी०एल० आर्य भी उपस्थित रहे।