संजय जोशी
रानीखेत । छावनी परिषद चुनाव स्थगित होने के बाद रानीखेत विकास संघर्ष समिति का सांकेतिक धरना -प्रदर्शन दूसरे दिन भी जारी रहा। मामला अब चुनाव बहिष्कार का नहीं बल्कि आंदोलन छावनी क्षेत्र का सिविल एरिया चिलियानौला नगर पालिका में शामिल किये जाने की मांग में बदल गया। धरना स्थल पर हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि पूर्व गठित रानीखेत- चिलियानौला नगरपालिका में जब तक रानीखेत को सम्मिलित नहीं किया जाता तब तक रानीखेत वासियों का आंदोलन जारी रहेगा।
वक्ताओं ने कहा कि यह आंदोलन छावनी परिषद के काले कानूनों से आज़ादी पाने तक जारी रखा जाएगा । रानीखेत वासियों द्वारा चुनाव बहिष्कार किया जाएगा । लोकसभा 2024 के चुनाव का बरिष्कार किये जाने की वक्ताओं ने बात कही।बैठक में जनता व विभिन्न संगठनों से नगरपालिका गठन के संघर्ष में अपनी भागीदारी निभाने की अपील की । छावनी परिषद द्वारा रानीखेत क्षेत्र के लोगों पर किये जा रहे अन्याय व दोयम दर्जे का बर्ताव करने पर रोष जताया। वक्ताओं में यह भी कहा कि आए दिन सेना द्वारा झूलादेवी से चौबटिया मोटर मार्ग को बंद करना, रानीखेत के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गोल्फ कोर्स को आम जनता व पर्यटकों के लिए बंद करना व रानीखेत के निवासियों को मालिकाना हक से वंचित रखना, भवन निर्माण संबंधी कार्यों पर रोक लगाकर आये दिन जनता को प्रताड़ित करना तथा हाउस टैक्स के बराबर वाटर टैक्स को जनता पर ज़बरदस्ती थोप कर उनका शोषण किया जाता रहा है।
धरना स्थल पर मौजूद लोगों ने भविष्य में पुनः छावनी चुनाव व सम्पूर्ण छावनी के बहिष्कार की बात कही । बैठक में तय किया गया कि 21मार्च को एक ज्ञापन महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री, रक्षा राज्य मंत्री सहित अन्य सभी जन प्रतिनिधियों को सौंपा जाएगा। धरना- प्रदर्शन, बाजार बंदी, मशाल जलूस निकालने की बात भी वक्ताओ ने कहीं।


