के वी के रानीचौरी ने विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष्य पर किसान गोष्ठी द्वारा प्राकृतिक खेती की ओर जाना है और मृदा को बचाना है का संदेश दिया

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टिहरी : सोमवार को   वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखंड उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र रानीचौरी द्वारा नागनी ग्राम पंचायत में विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष्य में किसान गोष्ठी एवं कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया इस कार्यक्रम की थीम प्राकृतिक खेती व  मृदा स्वास्थ थी।

 इस कार्यक्रम में केंद्र की मृदा वैज्ञानिक डॉ शिखा द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड की महत्वता के बारे में विस्तार पूर्वक बताया साथ ही मृदा के नमूने किस तरह से लिए जाते हैं, रबी मौसम की फसलों में एकीकृत पोषण प्रबंधन के बारे में जानकारी साझा की। इसके साथ आज के परिवेश में हमे मिट्टी को बचाने के प्राकृतिक खेती को अपनाना हेतु प्रेरित किया।

इस कार्यक्रम में केंद्र के प्रभारी अधिकारी डा आलोक येवले द्वारा प्राकृतिक खेती के चार सिद्धांतो जैसे बीजामृत, जीवामृत, आच्छादन व वापसा आदि के बारे चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य अथिति श्री विजय जड़धारी प्रगतिशील किसान एवं बीज बचाओ आंदोलन के प्रणेता द्वारा मृदा को संरक्षित के लिए प्राकृतिक खेती पद्धति का महत्त्व के संबद्ध में बताया। हमारे पारंपरिक बीजों का संरक्षण भी आज के समय की मांग है। साथ ही कृषि विभाग से  सोनी रावत सहायक कृषि अधिकारी  अमित रावत बी टी एम द्वारा रबी मौसम की फसलों के बारे में तथा प्राकृतिक खेती के संबंध की विभागीय योजनाओं की जानकारी साझा की । इस कार्यक्रम में लगभग 70 से अधिक किसानों  द्वारा प्रतिभाग किया गया। इस मौके में कुशाल सिंह, दीवान सिंह, रविन्द्र सिंह, आशा देवी, विनीता देवी, लक्ष्मी देवी आदि मौजूद थे।

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