Team uklive
टिहरी : सरकार के द्वारा अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त न दिखाए जाने के संबंध में कैबिनेट में लिया गया निर्णय बहुत ही अनुचित निराश करने वाला है। सरकार का यह निर्णय समस्त शिक्षक समाज के लिए कष्टकारी के साथ छलावा भी है जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष एस एस सरियाल एवं जिला प्रवक्ता कमल नयन रतूड़ी ने कहा कि राजकीय शिक्षक संघ सरकार के इस निर्णय की घोर निंदा करता है।
सरकार के इस निर्णय से शिक्षकों के कई हित प्रभावित होंगे यदि यह सरकार अतिथि शिक्षकों के पदों को रिक्त नहीं दिखाती है तो एलटी से प्रवक्ता पदों पर पदोन्नति कैसे होंगी, सेवा अवधि में न्यूनतम तीन पदोन्नति की मांग करने वालों के खिलाफ ऐसा निर्णय सरकार के द्वारा लिया गया जो अनुचित है अरे यदि आपको शिक्षकों के पद भरने ही है तो सबसे निचले स्तर पर नियुक्तियां करते और प्रति वर्ष पदोन्नतियां कर शिक्षकों के पदोन्नतियों के रास्ते भी खोलते नियुक्ति प्रक्रिया स्थायी होनी चाहिए थी न कि अतिथि के रूप में।
लंबे समय से स्थानांतरण की बांट जोह रहे शिक्षकों को स्थानांतरण का मौका कैसे मिलेगा सरकार के द्वारा इस तरह का निर्णय लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है सभी पहलुओं को ध्यान में रखा जाना चाहिए था। चुनावी समर मे एकतरफ़ा निर्णय शिक्षक हित में नहीं है आखिर मतदाता हम शिक्षक भी है।
प्रांतीय नेतृत्व को सभी को एकजुट करते हुए इस अतिथि शिक्षकों के संबंध में हुई इस व्यवस्था को निरस्त करवाने के लिए प्रयास करना चाहिए। यदि अतिथि प्रेमी सरकार हम शिक्षकों की नहीं सुनती है तो इस निर्णय के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी और न्यायालय की शरण में भी जाया जा सकता है जिसमे सभी शिक्षक समाज साथ है।