यशपाल सिंह सजवाण
चम्बा : कुछ करने का जज्बा हो तो सफलता आपके कदम चूमती है।ऐसा ही कारनामा कर दिखाया है चम्बा ब्लाक के पलाम गांव के मूल निवासी रोहित चमोली ने। उन्होंने दुबई में आयोजित एशियाई जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत कर देश, टिहरी जिले और अपने गांव पलाम का नाम रोशन किया। रोहित की सफलता से क्षेत्र में खुशी की लहर है।
चम्बा ब्लाक के पलाम गाँव के मूल निवासी 16 वर्षीय रोहित चमोली ने दुबई में आयोजित जूनियर मुक्केबाजी चैंपियनशिप के 48 किलोग्राम भार के फाइनल मुकाबले में मंगोलिया के ओटगोनबयार तुवशिंजया को 3-2 से हरा कर स्वर्ण पदक जीता।रोहित चमोली सामान्य परिवार से ताल्लुक रखते हैं। उनके पिता जयप्रकाश रोजी-रोटी की तलाश में गांव से चंड़ीगढ़ चले गए थे और वहीं बस गए। इसके बाद रोहित और परिवार के अन्य सदस्यों को भी वे अपने साथ चंड़ीगढ़ ले गए। अभी वर्तमान में जयप्रकाश चंड़ीगढ में एक होटल में कुक की नौकरी करते हैं।16 वर्षीय रोहित चमोली ने चंड़ीगढ के सेक्टर-16 के सरकारी स्कूल से हाईस्कूल की परीक्षा पास की है। रोहित के दादा चंद्रमणी चमोली ( 80 वर्षीय) और दादी सत्तू देवी (73 वर्षीय) पलाम गांव में ही रहते हैं।रोहित के पिता जयप्रकाश और बुआ सुशीला देवी ने बताया कि रोहित बचपन से ही मुक्केबाजी की दुनिया में नाम कमाना चाहता था। रोहित ने अभावों को दरकिनार करते हुए कड़ी मेहनत, लगन व धैर्य के साथ परिश्रम किया और जूनियर एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर टिहरी के साथ ही पूरे देश का मान बढ़ाया।उन्होंने बताया कि रोहित की चचेरी बहन मीनाक्षी भी मुक्केबाज है। रोहित ने मीनाक्षी को मुक्केबाजी करते हुए देखा, तो उसने भी अपना मुक्केबाजी को अपना लक्ष्य बना दिया। शुरूआती दिनों में मीनाक्षी ने रोहित को मुक्केबाजी का प्रशिक्षण दिया। इसके बाद कोच जोगिंदर कुमार ने रोहित की लगन को देखते हुए उसे निशुल्क मुक्केबाजी के गुर सिखाये। जिसके परिणामस्वरूप आज उसने गोल्ड मेडल जीता है।