Team uklive
रिखणीखाल : आज एक ऐसा ही मामला संज्ञान में आया है कि रिखणीखाल प्रखंड के ग्राम घेडी(ढाबखाल)की छः माह की गर्भवती महिला प्रीति बिष्ट पत्नी रविन्द्र बिष्ट,अपने गाँव से 75 किलोमीटर का दुर्गम सफर,हिचकोले खाते खाते आज 10 बजे प्रातः जनपद पौड़ी गढ़वाल का भव्य व विशाल राजकीय संयुक्त चिकित्सालय कोटद्वार पहुँची,जहाँ उन्होने अपने गर्भ में पल रहे शिशु का निर्धारित समय पर अल्ट्रासाउंड चैकअप करना था।लेकिन वहाँ पर तैनात चिकित्सक द्वारा सीधा व साफ शब्दो में मना कर दिया गया। जब मना करने का कारण पूछा गया तो कहने लगे यहाँ अभी भीड भाड व व्यस्तता अधिक है।
फिर कहा कि आप 17 अगस्त 2021 के बाद आना.
महिला के साथ उनकी तीन वर्षीय पुत्री भी थी लेकिन इतने भारी भरकम वेतन लेने वाला चिकित्सक का दिल नहीं पसीजा।
क्या रिखणीखाल की गर्भवती व अन्य रोगी इन अस्पतालो व चिकित्सको के चक्कर व इर्द-गिर्द घूमती रहेगी।या इसमें सुधार होने वाला है।अखबारो,विज्ञापनों,भाषणबाजी तो बहुत सुनते व पढते हैं लेकिन हकीकत यही है जो ब्रिटिश राज से चलता आ रहा है।जबकि रिखणीखाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र उनके गाँव से लगभग पन्द्रह किलोमीटर है लेकिन वो भी साधन विहीन है।
अब ये गर्भवती महिला कह रही है कि हम अब धामी सरकार से क्या उम्मीद करे कि आगे से हमें भटकना न पड़े।इसी उम्मीद के साथ आस लगाये बैठे हैं कि कभी तो लहर आयेगी।