Team uklive
उत्तरकाशी : नौगांव ब्लॉक के अंतर्गत पौन्टी में आज 4 जुलाई 2021 20गते आषाढ़ मास रविवार के दिन नाग देवता की हरियाली पड़ेगी
16 जुलाई 2021 शुक्रवार
1गते श्रावण मास (संक्रांति) में होगा नाग देवता का मेला
नाग देवता साल में एक बार बाहर आते हैं बहुगुणा बंधु के पुजारी नाग देवता की पूजा अर्चना विधि विधान से करते हैं नाग देवता का मेला शुरू 11दिन तक क्षेत्र के दस गांवों में मनाए जाने वाले नाग देवता मेले का शुक्रवार को शुभारंभ हो गया। मेले की शुरुआत पौंटी गांव से होगी। इसके बाद नाग देवता की डोलियां मोल्डा गांव को प्रस्थान करेंगी।
पौंटी में नाग देवता मेले में शामिल होने के लिए ग्रामीण बड़ी संख्या में पहुंचे। श्रद्धालुओं ने नाग देवता की डोली का स्वागत ढोल नगाड़ों के साथ किया। इसके बाद पौराणिक रीति-रिवाज के साथ मेले का आगाज हुआ। पौंटी गांव में दो दिन तक चले इस मेले में नाग देवता के पश्वा ने क्षेत्र की खुशहाली व सुख समृद्धि का आशीर्वाद लोगों को दिया। अलग-अलग गांव में यह मेला 10 दिन तक मनाया जाएगा। नाग देवता की डोली सबसे पहले पौंटी से मोल्डा, हुड़ोली, पाणीगांव, छोटी बिणाई, कंताड़ी, ओडीओ, खांसी, पलेठा डंडाल गांव आदि गांवों का भ्रमण करेगी। नाग देवता डोली आचार्य हरीश डिमरी कहना है नाग देवता शिव स्वरूप है नाग देवता 2 नामों से जाना जाता है भुवनेश्वर और पवनेश्वर नाग देवता मोल्डा व पौंटी थान समेत 10 गांव के इष्टदेव हैं। नाग देवताओं का यह मेला पौराणिक काल से चला आ रहा है और उसी पौराणिकता को बनाए रखने को ग्रामीण प्रयासरत हैं। नाग देवता के दर्शन को दूर-दूर से श्रद्धालु इन मेलों में पहुंचते हैं और नाग देवताओं का आशीर्वाद लेते हैं। इसमें भाइचारे की भावना बढ़ती है। व्यस्त जीवन में मेलों के कारण ही लोगों को मित्रों व सगे संबंधियों से मेल मिलाप का मौका मिलता है।
इस मेले में ग्रामीण साफ सफाई का विशेष ध्यान देते हैं एवं मांस मदिरा का सेवन नहीं करते हैं
नाग देवता मेला में बगैर मास्क के प्रवेश करना प्रतिबंधित
यह मेला सैकड़ों वर्ष पूर्व से लगता चला आ रहा है जिसमें जिले के अलावा अन्य दूरदराज से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। ... सजती थीं सैकड़ों दुकानें : प्रत्येक वर्ष नाग देवता के मेले में सैकड़ों दुकानें लगती थी.
इस बार कोरोना महामारी के कारण मेले मे सोशल डिस्टेंस के साथ ही कोरोना गाइडलाइन का पूर्ण पालन भी किया जायेगा.


