रिपोर्ट : ज्योति डोभाल
टिहरी : बौड़ी जा ग्रुप के सदस्य व राड्स अध्यक्ष सुशील बहुगुणा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मजदूरों के शोषण को बन्द करने की बात कही ၊
उन्होंने कहा कि मजदूरों के शोषण की मिशाल है उत्तराखंड मे उपनल के द्वारा भर्ती
कहा कि आज अंतराष्ट्रीय मजदूर दिवस है और हर साल मनाया जाता है।इसको मनाने का उदेश्य था कि मजदूरों के अधिकारों का हनन न हो तथा यह 1889 से मनाया जाता है ।
इसकी शुरुआत 1886 में शिकागो में उस समय शुरू हुई थी जब मजदूर मांग कर रहे थे कि काम की अवधि आठ घंटे हो और सप्ताह में एक दिन की छुट्टी हो व समान काम के लिये समान वेतन हो ।
पर उत्तराखंड राज्य मे इसका उल्लंघन हो रहा है जिसकी मिशाल है उत्तराखंड सरकार द्वारा उपनल के माध्यम से सरकारी सेवा लेना ।
कल ही मेरी कुछ लोगों से बात हुई तो उन्होंने जानकारी दी की उपनल से जो लोग आजकल आवश्यक सेवा मे लगे हैं तथा जो सरकार के लोग हैं वह और हम एक जैसा काम कर रहें एक जैसी योग्यता है पर वह उसी काम का मानदेय मेरे से पांच व छह गुणा अधिक पा रहा है ऐसा क्यूँ? कोई जबाब है क्या किसीके पास?
और यह आज से नही तब से हो रहा है जब उत्तराखंड बने हुऐ 05साल हुऐ थे ।इसलिये इसकी दोषी एक सरकार नही बल्कि वह सभी सरकारें हैं जो पिछले 16 सालों से उत्तराखंड मे काम कर रही हैं ।
यह हमारे लिये उन सरकारों के लिये जो चली गयी हैं या जो वर्तमान मे हैं सोचने की जरूरत है कि यह भेदभाव अंधेर नगरी चौपट राजा की कहावत को सत्य नही कर रहा है ।
माननीय मुख्यमंत्री जी यह एक मानव का शोषण नही है क्या? आप या तो उपनल मे कार्य कर रहे कर्मचारियों को समान वेतन दो या अबतक उपनल के माध्यम से कार्य कर रहे कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी मे लेकर आगे से उपनल के माध्यम से राजकीय सेवा मे लेना बंद करो ।
इससे आगे राज्य मे चल रही रिक्तियों पर भर्ती हो सके ।
माननीय मुख्य मंत्री जी मेरा आपसे अनुरोध है कि आप 2004 से चली आ रही इस व्यवस्था को समाप्त कर आगे से राजकीय कार्यों हेतु सीधे भर्ती करें तथा अब तक उपनल मे लगे कर्मचारीयों को राजकीय कर्मचारी घोषित कर उनको समान कार्य का समान वेतन देने की कृपा करें ।
आज मजदूर दिवस मनाने का सही मतलब तभी हो सकता है ।