स्वछता मे चंबा नगर पालिका को प्रदेश में दूसरा और पूरे देश में 51वां स्थान आने का श्रेय पूर्व अधिशासी अधिकारी शांति जोशी को

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Team uklive

चम्बा :  प्रधानमंत्री मोदी  के स्वच्छ भारत मिशन के जितने भी घटक हैं उसमें से एक नगरों को खुले में शौच से मुक्त करना भी था. पालिका केंद्रीय प्रशासनिक सेवा के एक जिम्मेदार ऑफिसर शांति प्रसाद जोशी ने इसमें इनिशिएटिव लेते हुए और शहरी विकास विभाग के एक्सपर्ट तथा उच्च अधिकारियों के सहयोग से हरबर्टपुर नगर पालिका में उस निकाय को उत्तराखंड की सबसे पहली खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) होने का गौरव दिया.

यह गौरव प्राप्त होने पर उत्तराखंड के सामान्य ज्ञान  प्रतियोगिताओं में इस को प्रतियोगिता प्रश्न के रूप में भी सम्मिलित किया गया है.

हरबर्टपुर को उत्तराखंड का पहला ओडीएफ शहर घोषित करवाने के बाद इनका स्थानांतरण जनपद टिहरी गढ़वाल की चंबा नगर पालिका में 2017 में किया गया.

तब उस नगरपालिका का आलम यह था कि इस अधिकारी को कूड़े के दो वाहनों के लिए केनरा बैंक चंबा से लोन लेकर शहर को साफ करने का बीड़ा उठाया. परंतु यहां पर सबसे बड़ी चुनौती कर्मचारियों की कमी और 28 सालों से नगर के बीचो बीच जो कूड़ा डाला जा रहा था उसको बंद करवाना और नई जगह की तलाश करवाना था.

कार्यालय के कार्यों में अन्य विसंगतियों भी श्री जोशी लगातार सुधारी करण का कार्य कर रहे थे. कार्यालय के रिकॉर्ड , कार्यालय प्रशासनिक भवन का बनाया जाना, कार्यालय मैं कम कर्मचारियों मैं भी उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि और कार्यालय की गरिमा के अनुरूप कार्य करना, नगर के सीमा विस्तार के फल स्वरुप प्रकाश और निर्माण कार्य की व्यवस्था कराना यह भी साथ साथ किए जा रहे थे.


परंतु नगर के बीचोबीच डाले जा रहे कूड़े की समस्या सबसे बड़ी चुनौती थी. तब वर्ष 2018 में तत्कालीन पालिकाध्यक्ष /बोर्ड के साथ खानखाना में भूमि का चयन कराया गया और एक बड़ी डीपीआर शासन को भेजी गई. परंतु तब एक नई चुनौती आएगी चंबा में डाले जाने वाला कूड़ा खांड खाला स्थल पर बिना निर्माण कार्य के नहीं डाला जा सकता था तब नए बोर्ड कार्यकाल में वर्तमान अध्यक्ष /बोर्ड को साथ लेकर mokri में नई भूमिका का आवंटन जिला प्रशासन से कराया गया और वहां पर गारवेज प्रोसेसिंग की सारी व्यवस्थाएं कराई गई. 

नगरपालिका चंबा से 26 किलोमीटर दूर चंबा शहर का कूड़ा ले जाया जाने लगा. पुराने कूड़े को उठान की समस्या के लिए वित्तीय प्रबंधन भी जरूरी था तो प्रथम चरण में 50% लीगेसी गार्बेज के उठान के लिए निविदा के माध्यम से कार्यवाही करते हुए उसको उठाया गया और 50% के लिए वर्ष 2021 में निविदा के माध्यम से उठाने का अनुबंध किया गया.

वर्तमान में गाजियाबाद की इस अनुबंधित कंपनी द्वारा लीगेसी गार्बेज को अपने मशीनों के द्वारा निस्तारित किया जा रहा है.

इसी दौरान मोदी सरकार का स्वच्छ भारत मिशन वर्ष 2021 का पूरे देश की शहरी निकायों का स्वच्छता का सर्वेक्षण रिजल्ट भी घोषित हो गया है जिसमें 25000 से कम की शहरी निकायों में चंबा नगर पालिका को प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है और पूरे देश में 51 वे स्थान पर प्राप्त हुआ है. 

वास्तव में उत्तराखंड के शहरी प्रशासनिक सेवा के शांति प्रसाद जोशी ने अपने नाम के अनुरूप शांत भाव से अल्प बजट में ही पहले हरबर्टपुर और फिर चंबा जैसे शहर को एक नई पहचान दिलाई है. चंबा में भी उनके व्यवहार और कार्य को हमेशा सराहा गया है और जहां जहां भी वह कार्यरत रहे हैं उनके नाम का डंका बजता रहा है.

और यदि 2 वर्ष का कोविड  कार्यकाल का कार्य देखा जाए तो इनके कार्यों और नागरिकों के प्रति समर्पण की भावना के आगे कोई नहीं ठहरता है.

वर्तमान में यह अधिकारी सहायक नगर आयुक्त के रूप में नगर निगम देहरादून में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

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